औरंगाबाद में मनाई गई श्रीकृष्ण सिंह की 137वीं जयंती

औरंगाबाद : औरंगाबाद शहर के बिहार केसरी स्मृति स्थल पर बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के 137वीं जयंती मनाई गई। बिहार केसरी श्रीकृष्णा ट्रस्ट के द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम का अध्यक्षता धनंजय शर्मा ने किया। वहीं कार्यक्रम का संचालन सुनील शर्मा ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा नेता प्रमोद चंद्रवंशी, जदयू नेता विश्वनाथ सिंह, समाजसेवी शंभू शरण सिंह, औरंगाबाद नगर पर्षद अध्यक्ष उदय गुप्ता और रेड क्रॉस अध्यक्ष सतीश सिंह सहित अन्य लोग शामिल हुए। अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वहीं उनकी प्रतिमा पर सभी ने श्रद्धा सुमन भी अर्पित भी किया।

सभी ने अपनी संबोधन में बिहार के पहले मुख्यमंत्री बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह के विचारधारा का वर्णन किया और कहा कि श्रीकृष्ण बाबू के पद चिह्न पर चलने की आवश्यकता है। तभी उनकी सच्ची श्रद्धांजलि मानी जा सकती है। वहीं लोजपा (रामविलास) पार्टी के जिला अध्यक्ष चंद्रभूषण कुमार सिंह उर्फ सोनू ने कहा कि श्रीकृष्ण बाबू जात पात से ऊपर उठकर जमात की राजनीति करते थे। उन्होंने परिवारवाद के कारण अपने छवि को कभी भी धूमिल नहीं होने दिया। उनकी विचारधारा अतुलनीय थी। जबकि आज हमारे बिहार के राजनीति की गलीयारीयो में परिवारवाद सर चढ़कर बोल रहा है।

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उन्होंने यह भी कहा कि श्रीकृष्ण बाबू की विचारधारा समाज के लिए एक आईना से कम नहीं है। उन्होंने अपनी कार्यकाल में सर्वांगिक विकास किया था। चाहे वह आर्थिक, समाजिक या उघौगिक क्षेत्र ही क्यों न हो। उन्होंने बिहार के हर क्षेत्र में विकास की दीपक प्रज्वलित किया था जो अतुलनीय है। आज भी उनके कार्यकाल में उनके द्वारा ली गई योजना को बिहार सरकार पूरी नहीं कर सकी। वर्तमान में भी आप देख सकते हैं कि कोयल नहर परियोजना जो आज तक विचाराधीन है। इस कार्यक्रम में उपस्थित ट्रस्ट के सैकड़ों कार्यकर्ता ने भारत सरकार से बिहार केसरी श्री बाबू को भारत रत्न से नवाजे जाने की मांग किया है।

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दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट

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