डिजिटल डेस्क। गोरखपुर में मकर संक्रांति पर पारंपरिक खिचड़ी मेले में शामिल हुए 15 लाख श्रद्धालु। मंगलवार को मकर संक्रांति के पर्व के उपलक्ष्य में यूपी में जहां महाकुंभ 2025 के अमृत स्नान की धूम रही तो वहीं पूर्वांचल के ही गोरखपुर में पारंपिक खिचड़ी की भी रौनक देखते ही बनी। इसमें पूर्वी यूपी, बिहार और पड़ोसी देश नेपाल से 15 लाख से भी अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने एवं प्रतिभाग करने की पुष्टि की गई है।
पारम्परिक खिचड़ी मेले को सकुशल और निर्विघ्न सम्पन्न कराने में साधु-संतों द्वारा प्रदान किए गए मार्गदर्शन और सहयोग के लिए मंगलवार शाम को CM Yogi आदित्यनाथ ने सभी का आभार व्यक्त किया।
गोरक्षपीठाधीश्वर रूप में CM Yogi ने बाबा गोरखनाथ को चढ़ाई खिचड़ी
मंगलवार को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजे गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में नाथपंथ की विशिष्ट परंपरा के अनुसार शिवावतार महायोगी गोरखनाथ को विधि विधान से आस्था की पवित्र खिचड़ी गोरक्षपीठाधीश्वर रूप में CM Yogi आदित्यनाथ ने चढ़ाई। बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के बाद गोरक्षपीठाधीश्वर रूप में CM Yogi आदित्यनाथ ने सभी नागरिकों, संतों और श्रद्धालुओं को मकर संक्रांति की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर CM Yogi ने भगवान गोरखनाथ से लोकमंगल, सभी नागरिकों के सुखमय और समृद्धमय जीवन तथा राष्ट्र कल्याण की प्रार्थना की। फिर CM Yogi ने कहा कि – ‘…मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित खिचड़ी मेले में प्रदेश, देश व नेपाल राष्ट्र से आए 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने श्री गोरक्षनाथ मन्दिर में शिवावतार महायोगी गुरु गोरक्षनाथ को आस्था की खिचड़ी चढ़ाकर उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
…मकर संक्रांति का पर्व जगत पिता सूर्य के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर देता है। देश के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नाम और रूपों में इस पर्व को श्रद्धापूर्वक आयोजित किया जाता है। उत्तर प्रदेश और बिहार सहित विभिन्न राज्यों में इसे खिचड़ी पर्व के रूप में मनाया जाता है। …यह मेरा सौभाग्य है कि गुरु गोरखनाथ की साधना स्थली पर बाबा के श्रीचरणों में खिचड़ी चढ़ाने का अवसर प्राप्त हुआ है’।

मकर संक्रांति पर CM Yogi का आह्वान – सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग कतई न करें…
अपने संबोधन में मकर संक्रांति पर गोरखपुर में मनाए गए खिचड़ी मेला के प्रतिभागी श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए CM Yogi आदित्यनाथ ने कहा कि – ‘मकर संक्रांति भारत के पावन पर्व में पूरे देश के अंदर अलग-अलग नामों और स्वरूपों में आज सनातन धर्मावलंबी पूरी श्रद्धा के साथ इस आयोजन के साथ जुड़ते हैं।
…देश के अंदर उत्तर हो, दक्षिण हो,पूरब हो या पश्चिम हो, अलग-अलग नाम और रूपों में मकर संक्रांति पर्व को लोग मनाते हैं। यह उत्सव भारत की सनातन धर्म की परंपरा में आनंद के क्षणों को एकजुटता और एकता के साथ आयोजित करने तथा अपनी खुशी के साथ पूरे समाज को जोड़ने का विशिष्ट और विराट आयोजन है।

…पूरब के असम में बिहू के रूप में, पंजाब में लोहड़ी के रूप में, सुदूर दक्षिण में पोंगल के रूप में, बंगाल व महाराष्ट्र में तिलवा संक्रांति के रूप में तथा उत्तर भारत में खिचड़ी संक्रांति के रूप में इस महापर्व को श्रद्धालुजन आयोजित करते हैं। मकर संक्रांति के अवसर पर प्रदेश की पवित्र नदियों, सरोवरों में स्नान, दान-पुण्य का कार्यक्रम बड़े उत्साह के साथ प्रारंभ हो चुका है।
…पर्व और त्योहार हमें एकता का संदेश देते हैं। सामाजिक और राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ बनाने और परंपराओं की पवित्रता कायम रखने की प्रेरणा प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि पर्व और त्योहार पर श्रद्धा का भाव अभिनंदनीय है। हम सब का प्रयास होना चाहिए कि हमारे पावन तीर्थ स्वच्छ और सुंदर बने रहें।
…इसके लिए सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग कतई न करें। कहीं भी, जहां-तहां गंदगी न करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन और प्रशासन, अनेक स्वयंसेवी संगठन पूज्य संतों और श्रद्धालुओं की सुविधाजनक व्यवस्थाओं में लगे हैं’।

गोरखपुर में खिचड़ी मेला पर अपने संबोधन में CM Yogi ने महाकुंभ 2025 की भव्यता-दिव्यता का किया जिक्र
मकर संक्रांति की बधाई देने के साथ ही CM Yogi आदित्यनाथ ने संतों, श्रद्धालुओं को प्रयागराज महाकुंभ के पहले अमृत स्नान की भी बधाई और शुभकामनाएं दीं। CM Yogi ने कहा कि –‘एक तरफ भगवान गोरखनाथ की पावन तपस्थली पर आस्था की खिचड़ी चढ़ाई जा रही है तो दूसरी ओर इस सदी का पहला महाकुंभ तीरथपति प्रयागराज में प्रारंभ हो चुका है।
… महाकुंभ के प्रति जो आकर्षण देश और दुनिया में देखने को मिल रहा है वह अद्भुत है अकल्पनीय है। बीते कल सोमवार को लगभग 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने प्रयागराज में मां गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में डुबकी लगाई और पुण्य के भागीदार बने।
…आज प्रयागराज में पूज्य संतों की अगुवाई में लाखों की संख्या में श्रद्धालु ब्रह्म मुहूर्त से ही पुण्य की डुबकी लगाने पहुंचे। देश और दुनिया में रहने वाले सनातन धर्मावलंबियों के साथ सनातन धर्म के प्रति आकर्षित तमाम विदेशी भी इस महाकुंभ के साक्षी बना रहे हैं’।
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