वाराणसी / गाजीपुर : महाकुंभ के दौरान हादसों में मां-बाप से सदा के लिए बिछड़े बिहार के 3 मासूम। महाकुंभ 2025 में संगम तीर्थ में स्नान के लिए यात्रा के दौरान हादसे के शिकार हुए श्रद्धालुओं के जत्थों में सबसे दहलाने वाला किस्सा पूर्वी यूपी यानि पूर्वांचल के गाजीपुर जिले से सामने आया है।
Highlights
यहां दो अलग -अलग हादसों में बिहार के 3 मासूमों के सिर से मां-बाप का साया सदा के लिए उठ गया। बिहार के पूर्णिया और छपरा जिलों के ये 3 मासूम महाकुंभ के हादसों के दौरान अबोधावस्था में ही सदा के लिए अपने मां-बाप से बिछड़ गए।
गाजीपुर पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंच मृत श्रद्धालुओं के परिवारजनों ने जब पूरा वाकया सुनाया तो सुनने वालों का मानों कलेजा फटने लगा और सुनने वाला कोई भी शख्स इन 3 मासूमों के हाल पर अपने आंसुओं को नहीं रोक पाया।
7 हादसों में गई 6 महाकुंभ श्रद्धालुओं की जान
बिहार के मृत श्रद्धालुओं के परिवारीजनों के गाजीपुर पोस्टमार्टम हाउस पर विलाप के दौरान रोंगटे खड़े कर देने वाला ब्योरा सामने आया।
पुलिस रिकार्ड, गाजीपुर जिला चिकित्सकालय की रिपोर्ट एवं गाजीपुर पोस्टमार्टम हाउस से मिले ब्योरों के मुताबिक, पूर्वी यूपी के गाजीपुर जनपद में 49 घंटे 15 मिनट में एक के बाद एक हुए कुल 7 सड़क हादसे महाकुंभ से जुड़े श्रद्धालुओं के साथ हुए।
इसमें 6 महाकुंभ श्रद्धालुओं की जहां मौत हो गई वहीं, 44 घायल हुए हैं। इनमें से 2 हादसों में बिहार के पूर्णिया और छपरा जिलों के श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि हुई
। शवों को पोस्टमार्टम के बाद लेने आए परिजनों की मृतकों के साथ उनके अपनों की आखिरी तस्वीर देखकर आंखें नम हो जा रही थीं।

गाजीपुर के 2 हादसों में बिहार के 3 मासूम हुए अनाथ…
महाकुंभ के श्रद्धालुओं के वाहनों के पूर्वी यूपी के गाजीपुर में हुए हादसों में दो ऐसी तस्वीरें भी सामने आईं हैं, जिसे देखकर हर कोई विचलित हो उठा। ये तस्वीर गाजीपुर में नंदगंज हादसे के दौरान बाल-बाल बची बिहार के छपरा निवासी 3 वर्षीय आराध्या की अपने मृत पिता अर्जुन और दूसरे गाजीपुर के बिरनो में हुए सड़क हादसे में बिहार के पूर्णिया जिला निवासी मृत डाॅ. सोनी यादव के जुड़वा मासूम बेटों की है।
गाजीपुर में हुए 2 हादसों में बिहार के ये 3 मासूम अबोधावस्था में ही अनाथ हो गए। गाजीपुर के नंदगंज थाना क्षेत्र के कुसुम्ही कलां गांव के पास हुए हादसे में मृत बिहार के छपरा के नैनी निवासी अर्जुन सिंह और उनकी 3 वर्षीय बेटी आराध्या के साथ खुशी के पलों में ली गई तस्वीर को देख हर किसी की आंखें नम हो जा रही थीं।
इस हादसे में बबीता सिंह और अर्जुन सिंह की मौत हो गई जबकि उनकी 3 वर्षीया बेटी आराध्या सिंह को खरोंच तक नहीं आई है।

पत्नी की लाश देख फफक पड़े पूर्णिया निवासी डॉ. मुकेश यादव…
ऐसी आंखें नम करने वाली दूसरी तस्वीर गाजीपुर के बिरनो से जुड़े हादसे में भी सामने आई। बिहार के पूर्णिया निवासी डॉ. मुकेश यादव पोस्टमार्टम हाउस पर अपनी पत्नी डॉ. सोनी यादव की लाश को देखते ही फफक पड़े। उनकी आखों के आंसू थम नहीं रहे थे।
काफी देर बार संयत हुए तो उन्होंने जो किस्सा सुनाया, उसे सुनकर हर आंखें नम हो गईं। पत्नी का शव लेने के लिए आए बिहार के पूर्णिया निवासी डाॅ. मुकेश यादव को सूचना मिलते ही गहरा आघात लगा था।
यहां पहुंचे परिवार से जुड़े लोगों के मुताबिक, हादसे में डाॅ. मुकेश यादव की पत्नी, बुआ गायत्री, बचपन से ही परिवार से जुड़े रहे वाले चालक मोहम्मद सलाउद्दीन, MR (मेडिकल रिप्रेंजेटेटिव) दीपक झा की मौत हुई। पोस्टमार्टम हाउस में पत्नी डॉ. सोनी का शव देख डाॅ. मुकेश यादव बिलख उठे।

डाॅ. मुकेश यादव की मोबाइल में पत्नी के जन्मदिन, साथी और जुड़वा बच्चों की भी तस्वीरें थी। इसे देख हर किसी की आंखें नम हो गई। परिजनों ने बताया कि दोनों ने महाकुंभ स्नान करने की इच्छा जताई थी।
पति-पत्नी में तय हुआ कि दोनों में से कोई एक ही स्नान करने जाएगा, ताकि एक लोग घर में बच्चों की देखभाल करेंगे। उसके बाद दो दिन पहले डाॅ. सोनी यादव अपनी कार से सभी के साथ निकली थीं। महाकुंभ स्नान को जाते वक्त अपने बच्चों से जल्द लौटने का वादा किया था।
हादसे के पहले की रात करीब 9.30 बजे उनकी पत्नी डाॅ. सोनी यादव ने फोन पर बात भी हुई थी। उस रात डाॅ. सोनी यादव ने अपने ढाई वर्षीय जुड़वा बेटों की किलकारियां भी सुनीं थीं।
साथ ही पति से डाॅ. सोनी यादव बोली थीं कि रास्ते में हूं, सुबह तक पहुंच जाएंगी, लेकिन किसे पता था, वह अब नहीं लौटेंगी…।