रांची: झारखंड में वर्ष 2023 से शुरू हुई प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में 26,001 सहायक आचार्य (शिक्षक) की नियुक्ति प्रक्रिया में अब तक का परिणाम निराशाजनक रहा है। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 9,999 पदों का रिजल्ट घोषित किया गया है, लेकिन केवल 2,742 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। इससे 7,257 सीटें रिक्त रह गई हैं।
मध्य विद्यालय में 15,000 पदों में विज्ञान, भाषा और सामाजिक विज्ञान विषयों में नियुक्तियां होनी हैं। विज्ञान के 5,008 पदों में से 1,683 अभ्यर्थी सफल हुए, जबकि 3,325 सीट खाली रह गईं। भाषा के 4,991 पदों में 1,059 अभ्यर्थी सफल हुए और 3,932 सीटें रिक्त रहीं। सामाजिक विज्ञान (5,003 पद) का परिणाम अभी जारी नहीं हुआ है।
प्राथमिक विद्यालय (कक्षा 1 से 5) के लिए 11,000 पदों पर नियुक्ति होनी है, जिसमें 7,151 अभ्यर्थियों का प्रमाणपत्र सत्यापन हो चुका है, लेकिन रिजल्ट जारी नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 14 अगस्त 2025 तक सभी परिणाम जारी कर दिए जाएंगे।
पारा शिक्षकों की स्थिति और भी चिंताजनक है। विज्ञान और भाषा विषय में पारा शिक्षकों के लिए 4,999 पद आरक्षित थे, लेकिन केवल 393 अभ्यर्थी सफल हुए। 4,606 पद खाली रह गए। कई जिलों में पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित 100% सीटें खाली रहीं—जैसे सिमडेगा, खूंटी, लातेहार और कोडरमा में एक भी पारा शिक्षक सफल नहीं हुआ। सरायकेला, खूंटी, पूर्वी सिंहभूम और रामगढ़ में मात्र एक-एक पारा शिक्षक सफल हो पाए।
गैर पारा कोटि में भी आरक्षित वर्ग (SC, ST, EWS) की आधी से अधिक सीटें खाली रह गईं। उदाहरण के लिए विज्ञान विषय में इन वर्गों के लिए आरक्षित 1,170 सीटों पर केवल 219 अभ्यर्थी सफल हुए। भाषा विषय में भी यही स्थिति है। नियुक्ति प्रक्रिया में पात्र अभ्यर्थियों की कमी के कारण कई जिलों में सैकड़ों पदों पर शिक्षक नहीं मिल पाए हैं।