रांची:छह जिलों की पुलिस के लिए चुनौती बना गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव को झारखंड एटीएस ने गिरफ्तार किया है. एटीएस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए अमन श्रीवास्तव को मुंबई से गिरफ्तार किया है. जिसके बाद मंगलवार को अमन श्रीवास्तव को रांची लाया गया.
एटीएस द्वारा पूरे मामले की जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी गयी. गौरतलब है कि गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव को झारखंड के रांची, रामगढ़, चतरा, लोहरदगा, हजारीबाग और लातेहार जिले की पुलिस के लिए चुनौती बन गया था. अमन श्रीवास्तव गिरोह के द्वारा जहां व्यवसायियों से रंगदारी वसूली जा रही है, वहीं रंगदारी नहीं देने पर वाहनों में आगजनी और जान से मारने की धमकी भी दी जाती है.
बता दें कि अमन श्रीवास्तव के खिलाफ रांची, रामगढ़, लोहरदगा, हजारीबाग और लातेहार जिले के अलग-अलग थानों में कई मामले दर्ज हैं. झारखंड पुलिस के एटीएस थाना में इसी 17 जनवरी 2022 को अमन श्रीवास्तव गिरोह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उक्त प्राथमिकी में गैंग लीडर अमन श्रीवास्तव सहित 15 आरोपित किए गए थे. इन आरोपितों में अमन श्रीवास्तव के भाई अभिक श्रीवास्तव, बहनोई चंद्रप्रकाश राणू, बहन मंजरी श्रीवास्तव, चचेरे भाई प्रिंसराज श्रीवास्तव, सहयोगी विनोद कुमार पांडेय, जहीर अंसारी, फिरोज खान उर्फ साना खान, मजमूद उर्फ नेपाली, असलम, सिद्धार्थ साहू आदि शामिल थे.
एटीएस ने चार्जशीट में बताया है कि अमन श्रीवास्तव गैंग के अपराधी रंगदारी व लेवी से पैसे जुटाते थे और उससे हथियार खरीदकर आतंक कायम करने के लिए गोली-बारी व आगजनी कर व्यवसायियों-ठेकेदारों में खौफ कायम करते थे. अमन श्रीवास्तव खुद कभी भी न तो कोई कांड करता है और न ही लेवी ही वसूलता है.
वह अपने गुर्गों-सहयोगियों के माध्यम से दहशत फैलाने के लिए गोलीबारी व आगजनी की घटना को अंजाम दिलाता था. रंगदारी के रूप में मिलने वाली राशि भी वह स्वयं नहीं लेता था. हवाला के माध्यम से अपने रिश्तेदारों तक लेवी की राशि मंगवाता था.