रिपोर्टः कुमार गौतम/ न्यूज 22स्कोप
पटनाः तेजस्वी का इस्तीफा – राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि उपमुख्यमंत्री पद से तेजस्वी के इस्तीफे का कोई सवाल हीं पैदा नहीं होता। इस बात को सभी जानते हैं कि ‘ लैंड फॉर जॉब ‘ मामले के एफआईआर में तेजस्वी जी का नाम नहीं है और न पूर्व में दाखिल किए गए चार्जशीट में हीं उनके नाम का कोई उल्लेख है। एक साजिश के तहत सीबीआई द्वारा पूरक चार्जशीट दाखिल कर उसमें तेजस्वी जी का नाम जोड़ा गया है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि विपक्षी एकता से भाजपा की बौखलाहट काफी बढ़ गई है। महाराष्ट्र की तरह बिहार में भी महागठबंधन के दलों में तोड़ – फोड़ करने में नाकाम होने के बाद एक साजिश के तहत सीबीआई द्वारा तेजस्वी जी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करवाया गया है। बिहार हीं नहीं बल्कि देश की जनता इस सच्चाई से वाकिफ है। माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में महागठबंधन एकजुट होकर भाजपा के किसी भी साजिश को बिहार में कामयाब नहीं होने देगी।
तेजस्वी का इस्तीफा – अनैतिकता में आकंठ डूबे हुए लोग नैतिकता की बात न करें- चितरंजन गगन
राजद प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा इस देश में जिस प्रकार साजिश और षडयंत्र की राजनीति कर रही है ऐसी स्थिति में बिहार के महागठबंधन की जिम्मेदारी और भी ज्यादा बढ़ गई है। विपक्षी एकजुटता से परेशान भाजपा सीबीआई, आईटी और ईडी के माध्यम से विपक्ष के नेताओं के खिलाफ झूठे एफआईआर और चार्जसीट करवा कर पहले उनका चरित्र हनन करती है फिर उन्हें प्रलोभन और गिरफ्तारी का भय दिखाकर साथ आने का दबाव बनाती है और जो उसके दबाव में नहीं आता है उसे मुकदमे में उलझाकर चुनावी मंचों पर उसके खिलाफ भाषणबाजी कर आमलोगों से जुड़े मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास करती है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव तक भाजपा अपने इस अभियान को जारी रखेगी, जब तक न्यायालय का फैसला आएगा तब तक तो लोकसभा का चुनाव सम्पन्न हो चुका होगा। भाजपा के इस घिनौनी हरकत को देश की जनता समझ चुकी है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि नैतिकता की बात करते हुए भाजपा नेताओं को शर्म आनी चाहिए कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में अवैध हथियार रखने के मामले में सजायफ्ता राकेश सचान मंत्री बने हुए हैं।
एडीआर के अनुसार केन्द्र की भाजपा सरकार में शामिल 33 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। 24 पर तो गंभीर आपराधिक मामले न्यायालय के विचाराधीन हैं। बिहार के भाजपा विधायकों में 47 यानी आधा से भी ज्यादा विधायक दागी हैं। दूसरे से इस्तीफा मांगने के पहले भाजपा नेताओं को केन्द्र और विभिन्न राज्यों के अपने उन मंत्रियों से इस्तीफा दिलवाना चाहिए जिनके खिलाफ एफआईआर और चार्जसीट के बाद न्यायालयों में मामले लम्बित हैं।
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