बक्सर : बिहार में बक्सर जिले के रघुनाथपुर स्टेशन के पास बड़ा ट्रेन हादसा हुआ था। वहां नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन की बोगियां पलटने और पटरी से उतरने के कारण चार लोगों की मौत हो गई और 70 घायल हो गए थे। भारतीय रेलवे विश्व के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है। एक तरफ जहां लाखों लोग प्रति दिन परिवहन के लिये इस पर निर्भर करते हैं, वहीं दूसरी तरफ रेलवे हादसों का इतिहास भी भयावह है।
इसके पहले इसी साल जून 2023 में ओडीसा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस एक्सीडेंट मामले में 280 लोगों की मौत हो गई थी और 900 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। ये दुर्घटना रेलवे में बेहतर सुरक्षा उपायों और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत को उजागर करते हैं। आखिर भारत में ट्रेनें पटरी से क्यों उतर जाती हैं? इस सवाल का जवाब में दो प्रमुख कारण दिखते हैं। पहला ये कि भारतीय रेल विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क तो है। लेकिन हमारे यहां की पटरियों की हालत जरूरत से ज्यादा खास्ता है। पटरियों के क्षतिग्रस्त होने के कारण ट्रेन हादसे होते रहते हैं। जैसा कि कल रात को बक्सर में रेल हादसे में देखा जा सकता है।
दूसरा कारण है रेलवे कर्मचारियों की लापरवाही। अधिकांश रेल दुर्घटनाओं में मानवीय गलतियों को प्रमुख कारण पाया गया है। कई बार, रेलवे कर्मचारी सुरक्षा नियमों और दिशानिर्देशों के पालन में चूक कर देते हैं, जिसके भयंकर विनाशकारी परिणाम सामने आए हैं। इसके आलावा उपकरणों की विफलता, टूट-फूट, डिब्बों में अधिक भीड़, पुराने डिब्बे इत्यादि भी रेल दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं।
आज जब भारत विश्व में अपना स्थान बना चुका है तो रेलवे के ये हादसे हमारे लिए एक स्याह सच बनते जा रहे हैं। इन्हें कम करने और रेलवे में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार को तत्काल कुछ उपाय करने चाहिए। जैसे कि नए ट्रैक का निर्माण, रेल पुलों की समय समय पर मरम्मत, सिग्नलिंग अपग्रेड, कोच नवीनीकरण आदि के लिये अधिक धन का आवंटन होना चाहिए। मानवीय त्रुटियों को कम करने के लिये कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना चाहिए।
एक सांविधिक निकाय के रूप में रेलवे सुरक्षा प्राधिकरण की स्थापना करने की जरूरत है। इस निकाय के पास सुरक्षा मानकों को तैयार करने, सुरक्षा ऑडिट एवं निरीक्षण करने, किसी भी तरह के चूक के लिये जवाबदेही एवं दंड लागू करने और दुर्घटनाओं की जाँच करने की शक्तियाँ होनी चाहिए।
समय समय पर रेलवे कर्मचारियों, अवसंरचनाओं और उपकरणों के सुरक्षा प्रदर्शन की निगरानी, मूल्यांकन और लेखा-परीक्षण करना अनिवार्य कर देना चाहिए। साथ ही किसी भी प्रकार के चूक के लिये सख्त जवाबदेही एवं दंड का प्रावधान लागू होना चाहिए।
लेवल क्रॉसिंग को समाप्त करना
‘कवच’ जैसे टक्कर-रोधी उपकरण/ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली, ट्रेन सुरक्षा चेतावनी प्रणाली और स्वचालित ट्रेन नियंत्रण आदि शामिल किए जाएं। रेलवे संचालन से संलग्न रेलवे बोर्ड, क्षेत्रीय रेलवे, विभिन्न डिवीजनों, उत्पादन इकाइयों, अनुसंधान संगठनों आदि के बीच समन्वय एवं सुधार लाने पर जोर दिया जाए। भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (IRMS) योजना को पुनरीक्षित या संशोधित करने पर विचार करने की आवश्यकता है।
आकाश कुमार की रिपोर्ट