कृषि शुल्क विधेयक को लेकर एक बार फिर से मंत्री से मिलेगें चेंबर के सदस्य

रांची: झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक-2022 पर आपत्ति दर्ज कराने को लेकर झारखंड चेंबर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से मिलकर हस्तक्षेप की मांग करेगा.

इसको लेकर झारखंड चेंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री व रांची चेंबर अध्यक्ष संजय माहुरी के साथ राज्य के अन्य जिलों के चेंबर अध्यक्षों की मंत्रणा हुई है. चेंबर के सदस्यों का कहना है कि एक बार फिर से मंडी शुल्क लगाने की कवायद शुरू हो रही है. 25 मार्च 2022 को विधानसभा में पारित झारखंड कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक से राज्य के व्यापारियों में असमंजस की स्थिति है.

चेंबर इसे झारखंड के किसान, कृषि-उपज बाजार और व्यापारियों के हित में प्रतिकूल बताया है. वहीं, अंदेशा जताया जा रहा है कि राज्य में फिर से अप्रत्यक्ष रूप से दो प्रतिशत बाजार समिति शुल्क लगाये जाने का प्रावधान करने का प्रयास किया जा रहा है. बाहर से मंगाये जाने वाले उत्पादों पर कृषि शुल्क लगाये जाने से महंगाई बढ़ जायेगी.

इस शुल्क को दोबारा लगाये जाने पर यहां कृषि उत्पादों के लागत मूल्य बढ़ेंगे, जिससे यहां के किसान और व्यापारियों को अपने उत्पादों की खरीद-बिक्री में नुकसान उठाना पड़ेगा तथा व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.

वहीं, इसका फायदा पड़ोसी राज्य के कृषि व्यापारियों को मिलेगा. जबकि, इस मामले में व्यवसायियों के विरोध के बाद मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि नियमावली नहीं बनायी जायेगी या फिर कोई ऐसा शुल्क नहीं लगेगा, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिले.

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