पटनाः बिहार की राजनीति में जिस तरीके से उबाल पर है उससे ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि सुशासन बाबू के एक बार फिर पलटी मारने की उम्मीद जताई जा रही है।
इस राजनीतिक उठापठक के बीच पटना में बैठक का सिलसिला भी लगातार जारी है। सूत्रों के मुताबिक कल बिहार में खेला होने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि इसकी अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
बीजेपी की बैठक
अभी बीजेपी की भी बैठक चल रही है और कई शीर्ष नेता इस बैठक में शामिल हैं। इस बैठक में बिहार की राजनीति की दिशा और दशा बदलने पर चर्चा की जा सकती है। दूसरी ओर जदयू ने भी अपनी अलग बैठक बुलाई है। ऐसे में कयासो का बाजार गर्म हो गया है कि बिहार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। नीतीश कुमार कभी भी पलटी मार सकते हैं।
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कयासो का बाजार में यहां तक खबर है कि इसकी पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी। सूत्रों के माने तो इण्डिया गठबंधन के बाद भी दोनों पार्टी यानि बीजेपी और JDU के करीब थी।
बीजेपी JDU में टूट करवा रही है…
साल 2022 में जब नितीश कुमार NDA गठबंधन से अलग हुए तब सुशासन बाबु के बोल कुछ अलग थे। उन्होंने कहा था कि बीजेपी उनकी पार्टी यानि JDU में टूट करवा रही है, वहीं 2020 की अगर बात करें तो 20 के चुनाव में JDU की सीट 71 से घटाकर 43 हो गयी, तब भी नितीश कुमार को ये लगा की वो पिछ्लगुआ हो रहे हैं।
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नीतीश कुमार पार्टनर बदल रहे हैं हलांकि ये पहली बार नहीं है लेकिन ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया, ये वजह भी हो सकती है नीतीश कुमार की बीजेपी के साथ जुड़ने की।
अब क्या करेगे लालू यादव
इस मामले के बाद सवाल ये उठता है कि क्या राजद प्रमुख लालू यादव चुप बैठेंगे। क्योंकि राजनीति में अगर कुछ भी सम्भव है तो इस बात में भी दो राय नहीं है कि लालू यादव भी बहुत बड़े खिलाड़ी हैं। ऐसे में पहले कल शाम की बात करें तो लालू यादव का नीतीश कुमार को कॉल जाना और सुशासन बाबु का फोन नहीं उठाना।
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उससे भी पहले की अगर बात करें तो जीतन राम मांझी का एक बयान भी सामने आया है कि खेला होखे….खेला होता…..और खेला होई …..ये क्या दर्शाता है। आखिर इस पर लालू यादव अब क्या कदम उठाएंगे। ये देखना दिलचस्प होगा कि अब बिहार की राजनीति क्या मोड़ लेने वाली है।