एस के राजीव
पटना : बिहार की राजनीति इन दिनों गणितों के अंक में इस तरह उलझी है कि ये अंक किसी के लिए शुभ साबित हो रहे हैं तो किसी के लिए अशुभ। दरअसल, 12 फरवरी को नीतीश कुमार की सरकार बचाने के लिए तीन राजद विधायक सरकार के पाले में आए तो वहीं 27 फरवरी को भी तीन विधायक ही भाजपा तोड़ने में सफल रही।
यानी अंक के मामले में तीन महागठबंधन पर भारी पड़ गया।
ऐसे कहा भी जाता है कि तीन टीकट महाविकट। तो क्या ये तीन अंक आने वाले दिनों में राजद, कांग्रेस और वामदल गठजोड़ पर भारी पड़ेगा या फिर इस तीन के माध्यम से महागठबंधन एनडीए पर भारी पड़ेगा।
ये तो फिलहाल भविष्य के गर्त में छिपा है। लेकिन इतना तय है कि तीन अंकों से शुरू हुआ राजनीति का यह खेल आनेवाले दिनों में काफी दिलचस्प होने वाला है जिसकी पटकथा लिखी जा रही है।
इन छह विधायकों में राजद से चेतन आनंद, नीलम देवी, संगीता देवी और प्रहलाद यादव हैं तो वहीं कांग्रेस से सिद्धार्थ सौरव और मुरारी गौतम हैं। जिन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम पर भरोसा जताते हुए पार्टी का साथ छोड़ा है।