मुजफ्फरपुर : बच्चों के भविष्य को लेकर सभी को आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है। जिस दिन हमारे बच्चे बाहर न जाकर विश्वभर के बच्चे पढ़ाई करने बिहार में आएंगे। हमें वैसा वातावरण बनाने और चिंतन करने की जरूरत है। ये बातें बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर में आयोजित सीनेट की बैठक को संबोधित करते हुए कहीं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में अलग-अलग कार्य होने चाहिए। विश्वविद्यालय में शोध कार्य और बाबा साहब अंबेडकर के नाम न्यास पीठ होने चाहिए।वही महाविद्यालय में सिर्फ पढ़ाई होने चाहिए। साथ ही राज्यपाल अर्लेकर ने बिहार विश्वविद्यालय को पूरी तरह से डिजिटलाइज के दिशा में जल्द कदम उठाने की बात कही।
कार्यक्रम में सीनेट के सदस्य गायघाट विधायक निरंजन राय ने बिहार विश्वविद्यालय में पटना उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने लंबे समय तक ताबीज पदाधिकारी को हटाने और वर्तमान कुलपति प्रोफेसर दिनेश चंद्र राय द्वारा प्रॉक्टर, लोकपाल, पेंशन अधिकारी और खेल सलाहकार की नियुक्ति सिर्फ भूमिहार जाति को काबिज करने का आरोप लगाया।
वहीं सीनेट सदस्य सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने पश्चिमी चंपारण मैं थारू आदिवासी जाति की संख्या काफी अधिक है उनके लिए छात्रावास की व्यवस्था करने की मांग राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से की।
संतोष कुमार की रिपोर्ट