डिजीटल डेस्क : BJP ने Congress पर Reservation के मुद्दे पर मंगलवार को जमकर हमला बोला। सांसद बृजलाल ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को दलित, आरक्षण, बाबा साहब और संविधान का विरोधी बताया। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के आते-आते गरमाए आरक्षण के मुद्दे पर BJP ने इस मसले पर अपनी ओर Congress पर आरक्षण विरोधी आक्रमण के लिए अपने सांसद और यूपी के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल को मैदान में उतारा। सांसद बृजलाल ने मोर्चा संभालते ही गोला दागा कि Congress को आरक्षण पसंद नहीं है।
बृजलाल का हमला – आरक्षण पर कांग्रेस सिर्फ दिखावा करती है
यूपी के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को दलित, आरक्षण, बाबा साहब और संविधान का विरोधी बताया। उन्होंने 1961 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सभी मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि आरक्षण को कांग्रेस शुरू से ही नापसंद करती आई है। उन्होंने भाजपा के खिलाफ संविधान बदलने के आरोप झूठी अफवाह बताते हुए कहा कि सच्चाई यह है कि कांग्रेस ने संविधान में सबसे ज्यादा बदलाव किया है। उनके अनुसार कांग्रेस सिर्फ भीम-मीम का ढोंग करती है, जबकि उसके दिल में सिर्फ मीम-मीम है।
भाजपा सांसद बोले – धार्मिक आधार पर आरक्षण पूरी तरह संविधान विरोधी
सांसद बृजलाल ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान में कहीं भी धर्म के आधार पर आरक्षण का प्रविधान नहीं किया लेकिन कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में ओबीसी कोटे में आरक्षण कम कर मुसलमानों को आरक्षण दिया। उसी तरह से कर्नाटक में भी ओबीसी का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को दे दिया। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कांग्रेस की सरकार द्वारा गठित रंगनाथ मिश्रा आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट में दलित आरक्षण में से एक वर्ग विशेष को आरक्षण देने का सिफारिश की थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का धार्मिक आधार पर आरक्षण देना पूरी तरह से संविधान विरोधी है।
आरक्षण के खत्म हो जाने का मुद्दे पर लालू-अखिलेश को भी घेरा
उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया के अल्पसंख्यक संस्थान घोषित किये जाने के बाद एससी, एसटी और ओबीसी को यहां मिल रहे आरक्षण के खत्म हो जाने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि विडंबना यह है कि ओबीसी की राजनीति करने वाले अखिलेश यादव, लालू यादव और तेजस्वी यादव ने इसका कभी विरोध नहीं किया। भाजपा सांसद ने कहा कि कांग्रेस व विपक्षी दलों को जम्मू-कश्मीर में दलितों और पिछड़ों को 70 साल तक आरक्षण से वंचित रखने का काम किया। मोदी सरकार के अनुच्छेद 370 खत्म करने का सबसे अधिक फायदा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी को मिला है। इन्हें पहली बार संविधान प्रदत आरक्षण का अधिकार के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी मिली हैं।