Big Step : मोदी सरकार वक्फ बोर्ड पर लगाएगी अंकुश, संशोधन बिल पेश करने की तैयारियां पूरी

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डिजीटल डेस्क : Big Step मोदी सरकार वक्फ बोर्ड पर लगाएगी अंकुश, संशोधन बिल पेश करने की तैयारियां पूरी। अपने तीसरे टर्म में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा के साथ ही सहयोगी दलों के सहमति बनाते हुए लगातार बड़े कदम उठाने की ओर लगातार अग्रसर हैं। पूर्वोत्तर के आमूलचूल विकास के बहाने जहां बिहार और आंध्र प्रदेश को आम बजट में विशेष पैकेज दिलाया, वहीं अब देश में झारखंड, छत्तीसगढ़ और यूपी समेत पर फोकस करते हुए आठ हाई-सपीड कॉरीडोर के लिए करीब साढ़े चार हजार करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी दी और इसके बाद उस वक्फ बोर्ड पर अंकुश लगाने की तैयारी है जो रह-रहकर अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमान हितों के नाम संपत्तियां अर्जित करने के लिए सुर्खियों में रहा करता है। बताया जा रहा है संसद के चालू मानसून सत्र में ही मोदी सरकार वक्फ बोर्ड संबंधी संशोधन बिल पेश करने की तैयारी कर चुकी है।

संशोधित विधेयक से कम होगी वक्फ बोर्ड की ताकत, कैबिनेट ने दी मंजूरी

मोदी सरकार इस बिल के जरिए वक्फ बोर्डों के उस अधिकार पर लगाम लगाना चाहती है, जिसके तहत वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित कर देते हैं। बिल में वक्फ बोर्ड की ताकत को कम करने की बात कही गई है। बताया जा रहा है कि सरकार वक्फ बोर्ड के दावे का सत्यापन करने पर विचार कर रही है और उन संपत्तियों का भी सत्यापन किया जा सकता है, जिन्हें लेकर बोर्ड और मालिकों के बीच विवाद है। मिली जानकारी के मुताबिक, संशोधित होने वाले वक्फ बोर्ड अधिनियम के लिए कैबिनेट ने वक्फ अधिनियम में करीब 40 संशोधनों को मंजूरी दे दी है। वक्फ अधिनियम में संशोधन करने वाला विधेयक इसी हफ्ते संसद में पेश किए जाने की तैयारी है। संकेत है कि मोदी सरकार वक्फ एक्ट में संशोधन बिल 5 अगस्त को ही संसद में पेश कर सकती है। संसद में इस बिल के पास होते ही वक्फ बोर्ड के अधिकारों में कटौती होगी और वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने से परहेज करेगा।

इस समय देश में हैं 30 वक्फ बोर्ड, 1995 में पारित एक्ट में मिली थीं असीमित शक्तियां

मोदी सरकार की वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन संबंधी तैयार मसौदे के मुताबिक, इस समय देश भर में 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 वक्फ बोर्ड हैं। देशभर में वक्फ बोर्ड के पास 8.7 लाख से ज्यादा संपत्तियां हैं, जो 9.4 लाख एकड़ में फैली हैं। साल 1954 में वक्फ अधिनियम पारित किया गया था और वर्ष 1995 में वक्फ कानून में संशोधन करते हुए वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियां दे दी गई थी। उसके मुताबिक वक्फ बोर्ड अगर किसी संपत्ति पर अपना दावा कर दे, तो उसे उसकी संपत्ति माना जाएगा। उसके बाद से इसमें कई बार संशोधन हुआ। पिछले साल मई में दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि केंद्र सरकार उन 123 संपत्तियों का फिजिकल इंसपेक्शन कर सकती है, जिनके कब्जे का दावा दिल्ली वक्फ बोर्ड कर रहा है। उसके बाद पिछले साल अगस्त में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने इन सभी संपत्तियों को नोटिस भी जारी किया। उसी के बाद से एनडीए सरकार के रणनीतिकारों ने वक्फ बोर्ड के मनमानेपन पर अंकुश लगाने का मन बनाया और उसकी ताकत को कम करने के लिए एक्ट में अनिवार्य संशोधन का मसौदा तैयार करवाना शुरू करवाया। अब लोकसभा चुनाव बीतने के बाद तीसरे टर्म में फिर से मोदी सरकार केंद्र में गठित होते ही इस मसौदे को संशोधित अधिनियम के रूप में संसद से पारित कराने की कार्ययोजना बनी।

यूपी में शिया वक्फ बोर्ड की संपत्ति की फाइल फोटो
यूपी में शिया वक्फ बोर्ड की संपत्ति की फाइल फोटो

संशोधित वक्फ बोर्ड में होंगे कई अहम बदलाव, महिलाओं को मिलेगा प्रतिनिधित्व

संसद में पेश होने को तैयार वक्फ बोर्ड संशोधित अधिनियम में पहले की तुलना में कई अहम बदलाव होने हैं। इस बारे में अभी अधिकृत तौर पर कोई भी टिप्पणी करने से बच रहा है लेकिन प्राप्त संकेतों के मुताबिक, मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित प्रमुख संशोधनों में वक्फ बोर्डों का पुनर्गठन, बोर्डों की संरचना में बदलाव और बोर्ड द्वारा वक्फ की संपत्ति घोषित करने से पहले उसका सत्यापन सुनिश्चित करना शामिल है। विधेयक में सेंट्रल वक्फ काउंसिल और स्टेट वक्फ बोर्डों की संरचना को बदलने के लिए वक्फ एक्ट की धारा 9 और धारा 14 में संशोधन करने का प्रस्ताव है, ताकि निकायों में महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके। संशोधित विधेयक में स्टेट वक्फ बोर्डों के दावे वाले विवादित जमीन के नए सिरे से सत्यापन की मांग करने का भी प्रस्ताव है। विधेयक में वक्फ बोर्डों द्वारा जिन संपत्तियों पर दावा किया जाएगा, उसको अनिवार्य रूप से सत्यापित किया जाने का प्राविधान लाया जा रहा है।

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