डिजीटल डेस्क : छत्तीसगढ़ में सीबीआई ने लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले में 15 स्थानों पर की छापेमारी। छत्तीसगढ़ में 2022 में आयोजित लोक सेवा आयोग परीक्षा में भाई-भतीजावाद के आरोपों के सिलसिले में बुधवार को सीबीआई ने 15 स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने बुधवार को इसकी पुष्टि की है। बुधवार सुबह सीबीआई ने कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के घर पर छापा मारा। बताया जा रहा है कि यह छापेमारी छत्तीसगढ़ में चल रहे पीएससी (लोक सेवा आयोग) घोटाले की जांच से जुड़ी है। सीबीआई की टीम शुक्ला के यदुनंदन नगर स्थित पुराने आवास पर पहुंची। इसके अलावा 14 स्थानों पर छापेमारी की।
अधिकारियों ने कहा कि राजनेताओं, पीएससी अधिकारियों और लोक सेवकों के ‘अयोग्य’ परिवार के सदस्यों को आकर्षक सरकारी नौकरियों में भर्ती किया गया। उन्होंने बताया कि रायपुर में छह, दुर्ग में तीन, महासमुंद और धमतरी में दो-दो तथा सरगुजा और बिलासपुर में एक-एक जगह छापेमारी की गई, जो भाई-भतीजावाद से लाभान्वित होने वाले लोगों से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने 16 ऐसे उम्मीदवारों के नाम बताए हैं,जिन्हें डिप्टी कलेक्टर,पुलिस उपाधीक्षक और अन्य आकर्षक पदों पर नियुक्त किया गया था। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने बुधवार को 15 उम्मीदवारों के परिसरों की तलाशी ली जबकि एक उम्मीदवार के आवास की तलाशी पहले ली गई थी।

अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव और एक परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ जुलाई में अपने बेटे, बेटियों, रिश्तेदारों और परिचितों को मेरिट सूची में उच्च अंक दिलाने में मदद करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया में सोनवानी के परिवार के पांच सदस्य लाभान्वित हुए। इनमें उनके बेटे नितेश और बहू निशा कोसले (डिप्टी कलेक्टर), बड़े भाई का बेटा साहिल (डिप्टी एसपी), बहू दीपा आदिल (जिला आबकारी अधिकारी) और बहन की बेटी सुनीता जोशी (श्रम अधिकारी) शामिल हैं। सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, ‘यह भी आरोप लगाया गया है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के तत्कालीन सचिव (ध्रुव) ने अपने बेटे सुमित को डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित कराया था।’

