रांची: Monkey Pox को लेकर देशभर में जारी अलर्ट के बाद झारखंड में भी स्वास्थ्य विभाग ने कड़े कदम उठाए हैं। राज्य के सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि मंकी पॉक्स के संदिग्ध मरीज़ों की पहचान होते ही तुरंत सैंपलिंग की जाए। इसके साथ ही, रांची के रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) में 10 बेड और सभी जिला अस्पतालों में 5 बेड मंकी पॉक्स के मरीज़ों के लिए रिजर्व रखने का आदेश जारी किया गया है। जरूरत पड़ने पर रिम्स में बेड की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है।
रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिरेन बिरूआ ने चिकित्सकों के साथ बैठक कर सैंपल जांच के लिए एमजीएम जमशेदपुर भेजने के निर्देश दिए हैं। वहीं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अभियान निदेशक अबु इमरान ने राज्य के सभी जिलों में सख्त निगरानी और परीक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने स्किन, मेडिसिन और पीडियाट्रिक ओपीडी में आने वाले मरीज़ों की गहन निगरानी का आदेश दिया है, ताकि Monkey Pox मंकी पॉक्स के संदिग्धों की तुरंत पहचान हो सके। संदिग्ध पाए जाने पर उनके नमूने (स्वाब) संकलित कर सुरक्षित तरीके से उन्हें एनआईवी पुणे या एमजीएम जमशेदपुर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, जिला सर्विलेंस इकाई के जिला निगरानी पदाधिकारियों को भी सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है ताकि मंकी पॉक्स के मामलों की जांच में कोई देरी न हो।
क्या है Monkey Pox ?
Monkey Pox एक जूनोसिस रोग है, जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। इसके लक्षण चेचक जैसे होते हैं, जिसमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, थकान, लिंफ नोड्स में सूजन और शरीर पर चकत्ते शामिल हैं, जो तीन सप्ताह तक रह सकते हैं। यह संक्रमित व्यक्ति के कपड़ों या संपर्क में आने से भी फैल सकता है।
स्वास्थ्य विभाग ने विदेश यात्रा से लौटने वाले लोगों की विशेष निगरानी के निर्देश दिए हैं। अगर किसी व्यक्ति को 21 दिनों के भीतर बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और कमजोरी महसूस होती है, तो उसे तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर जांच करानी चाहिए।