पटना: बड़ी खबर राजधानी पटना से है जहां ईओयू ने एक बड़ा खुलासा किया है। ईओयू ने सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में जांच के बाद बड़ा खुलासा किया है। ईओयू के खुलासा के बाद बिहार पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। ईओयू की तरफ से मामले में कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में खुलासा किया गया है। इओयू ने अपने चार्जशीट में बिहार के पूर्व डीजीपी और केंद्रीय चयन पार्षद (सिपाही भर्ती) के तत्कालीन अध्यक्ष एसके सिंघल पर बड़ा आरोप लगाया है।
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ईओयू के चार्जशीट में कहा गया है कि पूर्व डीजीपी ने प्रिटिंग प्रेस से कमीशन के तौर पर बड़ी रकम ली थी। ईओयू के चार्जशीट में पूर्व डीजीपी का नाम आने के बाद बिहार पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। दाखिल चार्जशीट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि पूर्व डीजीपी सिंघल ने एक कमरे में चलने वाली प्रिटिंग प्रेस ‘कालटेक्स मल्टीवेंचर’ से 10 प्रतिशत कमीशन लेने के बाद सिपाही भर्ती परीक्षा प्रश्न पत्र छापने का काम दिया था। प्रिटिंग का काम देने से पहले प्रिटिंग प्रेस का फिजिकल वेरिफिकेशन भी नहीं किया गया था।
मामले में प्रिंटिंग प्रेस के मालिक ने साफ कहा है कि 2022 में मद्य निषेध सिपाही भर्ती परीक्षा के विज्ञापन निकलने के बाद वे ब्लेसिंग सेक्सयोर के निदेशक कौशिक कर के साथ मिलकर केंद्रीय चयन पर्षद के तात्कालीन अध्यक्ष से मिले थे। इस दौरान भी उन्हें तत्कालीन अध्यक्ष ने 10 प्रतिशत के कमीशन लेने के बाद एक वर्ष का ठेका दिया गया था। उसके बाद वर्ष 2023 में सिपाही भर्ती परीक्षा का काम भी उसी शर्त के आधार पर दुबारा मिल गया था। उन्होंने अपने बयान में बताया कि यह राशि जो कि करीब पौने नौ करोड़ से अधिक थी उनके आवास के पिछले दरवाजे पर पहुंचाया था।
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