लखनऊ : CM Yogi – अगले 5-7 सालों में यूपी में नहीं रहेगी डॉक्टरों की कमी। CM Yogi आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि आज उत्तर प्रदेश वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज की दिशा में तेजी के साथ बढ़ रहा है। पहली बार केंद्र और राज्य सरकार पीपीपी मोड पर भी मेडिकल कॉलेज बनाने की कार्रवाई को बढ़ा रही है।
आने वाले अगले 5 से 7 वर्ष में डॉक्टरों की कमी नहीं रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप हम एक जिला एक मेडिकल की कॉलेज की तरफ बढ़ चुके हैं। प्रदेश के सभी पीएचसी, सीएचसी को डॉक्टर मिलेंगे।
इसके साथ ही आरएमएल, एसजीपीजीआई, केजीएमयू समेत अन्य संस्थानों को अच्छे विशेषज्ञ चिकित्सक मिलेंगे। इसके लिए हमें टीमवर्क के साथ काम करना होगा। आरएमएल उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत का गेटवे है। यह उपब्लधि ऐसे ही नहीं मिली है। इसके पीछे सकारात्मक सोच और टीमवर्क है।
CM Yogi बोले – 2 साल में काबू हुआ जानलेवा इंफेसेलाइटिस
CM Yogi आदित्यनाथ ने कहा कि 5 वर्ष पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश इंसेफेलाइटिस से ग्रस्त था। वहां 15 जुलाई से 15 नवंबर के बीच 1200 से 1500 मौतें होती थीं। अकेले गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 500 से 700 मौतें होती थीं। यह क्रम पिछले 40 वर्ष से चल रहा था।
इस दौरान 50 हजार बच्चों की मौतें हुईं, लेकिन पिछली सरकारों का इससे कोई लेना-देना नहीं था। जब इसे रोकने के लिए सुविधा देनी होती थी तो वह भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते थे। यह सिस्टम की नाकामी थी। मैंने सांसद रहते हुए सड़क से लेकर सदन तक मुद्दा उठाया, जिसके बाद काम शुरू हुआ।
CM Yogi ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंफेसेलाइटिस पर लगाम लगाने के लिए गोरखपुर को एम्स दिया। वहीं 2017 में मुख्यमंत्री बनने पर इसे खत्म करने की जिम्मेदारी मेरी हो गयी। इस पर काम शुरू किया गया और वर्ष 2019 में इस पर नियंत्रण पा लिया गया।
उसी का परिणाम है कि आज पूर्वी उत्तर प्रदेश इंसेफेलाइटिस से मुक्त हुआ है। आज यहां पर मौत जीरो हो गयी हैं। यह दृढ़ संकल्प और आप सभी के सहयोग से हो पाया है, जबकि इसके खात्मे के बारे में पहले कोई सोच नहीं सकता था।
CM Yogi बोले – इंसेफेलाइटिस नियंत्रण पर स्टडी पेपर लिखा जाना जरूरी
CM Yogi आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस को लेकर इस बार भी दो बार सर्वे कराया गया, जिसमें सामने आया कि एक भी बच्चे की मौत नहीं हुई है। आज पूर्वी उत्तर प्रदेश खुशहाल है।
यह सब बेहतर समन्वय और संवाद से हो पाया। आज इंसेफेलाइटिस को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है, लेकिन अफसोस है कि अब तक इस पर कोई स्टडी पेपर नहीं लिखा गया, जबकि यह सफलता का मॉडल है। वहीं वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी आई तो टीम 11 का गठन कर काबू पाया गया। यह हमें इंसेफेलाइटिस के सफलतापूर्वक समाधान के बाद प्राप्त हुए अनुभव से संभव हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मरीज के रोग, लक्षणों तथा उपचार आदि की काॅम्प्रिहेंसिव स्टडी करते हुए, तकनीक का उपयोग करते हुए डाटा रिपोर्ट संकलित करने की आवश्यकता है। प्रत्येक फैकल्टी के लिए स्टडी पेपर लिखना अनिवार्य किया जाना चाहिए। नेशनल तथा इण्टरनेशनल जर्नल्स में उनके लेख प्रकाशित किए जाने चाहिए।
इन गतिविधियों पर अनुसंधान व विकास कार्य को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। तत्पश्चात पेटेंट की कार्यवाही से जुड़ना चाहिए। इसके माध्यम से संस्थान प्रगति करता हुआ दिखाई देगा तथा लोगों के विश्वास का प्रतीक बनेगा।
हमें स्वयं को वर्तमान प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। संस्थान के प्राध्यापकगण, रेजिडेंट डॉक्टर्स आदि का मरीजों तथा उनके अटेंडेंट के साथ व्यवहार बहुत मायने रखता है। डॉक्टर को क्षेत्र विशेष का विशेषज्ञ होने के साथ-साथ संवेदनशील होना आवश्यक है। यदि वह इन गुणों से परिपूर्ण है तो आम जनता के मन में आपके प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव होगा।
आपको इस सम्मान के लिए स्वयं को तैयार करना होगा।सीएम योगी ने वार्षिक रिपोर्ट का विमोचन और नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। इस दौरान सीएम योगी ने कई प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसर जेआर को मेडल-सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।
‘पश्चिमोत्तर बिहार, पूर्वी यूपी और नेपाल की बड़ी आबादी को स्वास्थ्य सेवा दे रहा लखनऊ’
CM Yogi आदित्यनाथ आज यहां डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चतुर्थ वार्षिक स्थापना दिवस समारोह का मुख्य अतिथि के तौर पर शुभारम्भ करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने संस्थान के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण तथा संस्थान की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट का विमोचन किया।
उन्होंने वर्ष 2023-24 में उत्कृष्ट कार्य हेतु क्लीनिकल व पैरा क्लीनिकल फैकल्टी के सदस्यों को पुरस्कृत किया। CM Yogi ने कहा कि लखनऊ में प्रदेश की लगभग 70 लाख आबादी निवास करती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमोत्तर बिहार तथा नेपाल की बड़ी आबादी अपनी स्वास्थ्य सुविधा के लिए लखनऊ पर निर्भर करती है।
मरीज स्वास्थ्य सुविधा के लिए सबसे पहले डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में आते हैं। प्रदेश में लगभग 25 करोड़ आबादी निवास करती है। इतनी बड़ी आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना चुनौती के साथ-साथ अवसर भी प्रदान करता है। यह आपके लिए अनेक प्रकार के कार्यों एवं सेवाओं के साथ-साथ अनुसंधान एवं विकास का माध्यम बन सकता है।
केजीएमयू, आरएमएल तथा एसजीपीजीआई में आने वाले मरीजों को निचले स्तर पर ही जिला अस्पताल, सीएचसी तथा पीएचसी आदि में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएं। प्रदेश में विगत ढाई वर्षों से टेली मेडिसिन के क्षेत्र में भी बहुत अच्छे काम किए गए हैं। प्रत्येक सप्ताह जिले स्तर की स्वास्थ्य टीम द्वारा पीएचसी में आरोग्य मेले का आयोजन किया जा रहा है। इससे करोड़ों की संख्या में लोग लाभान्वित हुए हैं।
CM Yogi बोले – दवाओं के अनावश्यक प्रयोग से प्रतिकूल प्रभाव की आशंका
CM Yogi ने कहा कि डॉक्टर के बारे में कहा जाता है कि वह जितना अनुभवी होगा उसका लाभ मरीजों को उतना ही अधिक प्राप्त होगा। उन्होंने अनुभव साझा करते हुए कहा कि गोरखपुर में एक डॉक्टर ने उनके हाथ का उपचार कुछ ही समय में कर दिया था। यह डॉक्टर के अनुभव के कारण ही सम्भव हो सका। उस डॉक्टर ने पारम्परिक उपचार पर बल दिया।
दवाओं को मरीज की आवश्यकता के अनुसार दिया जाना चाहिए। कोई भी दवा प्रत्येक मरीज के लिए अनुकूल नहीं होती। दवाओं के अनावश्यक प्रयोग से उनके प्रतिकूल प्रभाव की आशंका रहती है।
इस बारे में मरीजों में जागरूकता प्रसारित की जानी चाहिए। उन्हें अपना खान पान तथा दिनचर्या नियमित करने की सलाह भी दी जानी चाहिए। ताकि वह अंदर तथा वाह्य दोनों रूप से स्वस्थ दिखें। नियमित दिनचर्या आरोग्यता की पहला लक्षण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति करते हुए लोगों को फैसिलिटेट करने का काम किया गया है।
प्रदेश में 5 करोड़ 11 लाख लोगों को आयुष्मान भारत के गोल्डन कार्ड प्रदान किये गये हैं। हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को आयुष्मान भारत के अन्तर्गत 5 लाख रुपये तक की निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से जरूरतमन्दों के गम्भीर रोगों के उपचार के लिए बिना भेदभाव धनराशि की व्यवस्था की जाती है।
CM Yogi बोले – आरएमएल की पहचान पूर्वी उत्तर प्रदेश के गेटवे के रूप में हो रही
CM Yogi ने आगे कहा कि ऋषि परंपरा के अनुरूप ही डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान अस्पताल से इंस्टीट्यूट बनकर सबके सामने है। संस्थान उत्तर भारत में चिकित्सा स्वास्थ्य का बेहतरीन केंद्र बनकर उभर रहा है। यह संस्थान की बड़ी उपलब्धि है। अच्छे काम करने पर परिणाम भी अच्छे आते हैं।
एक संस्थान बना देना समस्या का समाधान नहीं होता, यह किन हाथों में है, यह महत्वपूर्ण होता है। लखनऊ उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ी सिटी है। यहां लगभग 70 लाख की आबादी निवास करती है। आरएमएल की पहचान पूर्वी उत्तर प्रदेश के गेटवे के रूप में होती है। यह अस्पताल से बढ़ करके 1300 बेड के बड़े संस्थान के रूप में विकसित हो करके सबके सामने है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह, प्रो. अजय कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।