फेसबुक पोस्ट से ओडिशा के भद्रक में तनाव, निषेधाज्ञा लागू

फेसबुक पोस्ट

Desk. खबर ओडिशा से है। भद्रक में फेसबुक पोस्ट से उपजे विवाद के बाद जिला प्रशासन ने शुक्रवार को भद्रक शहर में बैठकों पर प्रतिबंध लगाने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है। यह विवाद तब उपजा, जब एक समुदाय द्वारा उनकी धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ एक फेसबुक पोस्ट किया गया। इस पोस्ट के खिलाफ दूसरे समुदाय द्वारा हिंसक विरोध प्रदर्शन किया गया। इसमें पुलिस कर्मियों को भी चोटें आईं है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सब डिविजनल मजिस्ट्रेट मोनज पात्रा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पथराव में एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) और एक पुलिस उप निरीक्षक घायल हो गए और भद्रक तहसीलदार का एक वाहन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया।

फेसबुक पोस्ट से तनाव के बाद निषेधाज्ञा लागू

भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए पात्रा द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में कहा गया है, “क्षेत्र में किसी भी सभा, सभा, बैठक, आंदोलन को सख्ती से प्रतिबंधित किया गया है और इसके उल्लंघन को जिला प्रशासन द्वारा गंभीरता से लिया जाएगा।”

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने कहा कि भद्रक के पुरुनाबाजार पुलिस थाना क्षेत्र के अधिकार क्षेत्र में अनिश्चित काल के लिए निषेधाज्ञा लागू की गई है। अपराधी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 600 से अधिक लोगों ने कचेरीबाजार-पुरुनाबाजार को जोड़ने वाले संथिया पुल पर सड़क को अवरुद्ध कर दिया। जब वे रैली निकाल रहे थे तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया, लेकिन उन्होंने जबरन आगे बढ़ने की कोशिश की। इसके बाद लाठीचार्ज करना पड़ा। इसके बाद रैली में शामिल कई लोगों ने पुलिस कर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया।

2017 में भी फेसबुक पोस्ट से उपजा था विवाद

भद्रक को सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिला माना जाता है। अप्रैल 2017 में एक फेसबुक पोस्ट में एक विशेष समुदाय के व्यक्ति की भड़काऊ टिप्पणी को लेकर भद्रक शहर में कुछ दिनों तक सांप्रदायिक हिंसा हुई थी, जिसमें जमकर आगजनी हुई थी। इससे दुकानों, गोदामों और घरों सहित 450 प्रतिष्ठान नष्ट हो गए थे और तकरीबन 9 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था। सांप्रदायिक हिंसा के कारण शहर में एक महीने से अधिक समय तक कर्फ्यू लगा रहा।

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