रांची : जेएससीसी के बाद अब झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) क्षेत्रीय भाषा परीक्षा से मैथिली, अंगिका, मगही और भोजपुरी भाषाओं को बाहर करने की तैयारी हो रही है. इस पर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है. उन्होंने कहा कि राज्य के सीमावर्ती जिलों में रहने वाले लाखों मूलवासी अभ्यार्थियों के साथ अन्याय है. भाजपा इसका कड़ा विरोध करती है. कांग्रेस और राजद को भी इस मुद्दे पर अपना स्टैंड क्लियर करे.
बता दें कि इन क्षेत्रीय भाषाओं की जगह अभ्यर्थियों को दूसरी भाषा चुननी होगी. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की स्वीकृति के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने संशोधित नियमावली का प्रस्ताव विधि विभाग को भेज दिया है. विधि विभाग की मंजूरी के बाद इसे कैबिनेट को भेजा जाएगा.
जेटेट पास अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की मान्यता अब आजीवन बनी रहेगी
जेटेट अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की मान्यता आजीवन रहेगी है. शिक्षा मंत्री की घोषणा के बाद विभाग ने यह प्रस्ताव कार्मिक विभाग को भेजा है. वर्ष 2013 में जब टेट का आयोजन हुआ था, उस समय पांच साल की वैधता थी. मई 2018 में जब इस सर्टिफिकेट की वैधता खत्म हुई, तो दो साल की मान्यता और बढ़ाई गई थी.
रिपोर्ट : मदन सिंह
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