रांची: महंगाई की मार से आम आदमी का जीवन प्रभावित हो रहा है। दैनिक उपयोग में आने वाले एफएमसीजी उत्पादों की कीमतों में मार्च 2024 से अब तक लगभग 25% तक बढ़ोतरी हुई है। सुबह की चाय से बच्चों के बिस्कुट तक सब कुछ महंगा हो गया है।
जेसीपीडीए के अध्यक्ष सह चैंबर एग्जीक्यूटिव संजय अखौरी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती मांग और रॉ मैटेरियल की कीमतों में वृद्धि एफएमसीजी उत्पादों की बढ़ती कीमतों का मुख्य कारण हैं।
- विदेशों से आयात होने वाले कच्चे माल और शिपमेंट कॉस्ट में बढ़ोतरी
- देश में ट्रांसपोर्टेशन और पैकेजिंग मटेरियल की ऊंची लागत
खाद्य तेलों की कीमतों में भी बड़ा इजाफा देखा गया है। सरसों तेल 155 से 180 रुपये प्रति लीटर और रिफाइंड तेल 148 से 170 रुपये प्रति लीटर के बीच बिक रहा है। सरसों तेल के कारोबारी अर्जुन जालान के अनुसार, आगामी दिनों में कीमतों में गिरावट की संभावना कम है क्योंकि नई फसल मार्च में आएगी।
एफएमसीजी उत्पादों पर 18% जीएसटी चार्ज किया जा रहा है, जो उपभोक्ताओं के लिए कीमतें बढ़ा रहा है। सरकार को 21 दिसंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस दर को घटाकर 12% करने की मांग की गई है। इससे एफएमसीजी उत्पादों के दामों में राहत मिल सकती है।
महंगाई डायन के असर को कम करने के लिए उपभोक्ता और व्यापारी दोनों सरकार से ठोस कदम उठाने की अपेक्षा कर रहे हैं।