Nirsa:-बीसीसीएल सीवी एरिया के दहीबाड़ी में मासस और झामुमो कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प में दो दर्जन से अधिक लोग घायल होने की खबर है.
बताया जा रहा है कि दोनों ओर से लाठी, डंडे और फलसा के साथ जमकर पत्थरबाजी हुई. घटना के बाद तनाव को देखते हुए पूरा क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
बता दें कि पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मासस कार्यकर्ता आउट सोर्सिंग में प्रदर्शन के लिये गये थें, लेकिन झामुमो के समर्थकों द्वारा इसका विरोध किया जाने लगा और इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई. देखते ही देखते दोनों पक्ष की ओर से लाठी डंडे चलने लगा, तभी कुछ समर्थकों द्वारा कुल्हाड़ी और तीर का इस्तेमाल किया गया. हैरानी की बात यह है कि पूरी वारदात पंचेत पुलिस की मौजूदगी में हुई.
मामला बढ़ता देख पंचेत, ओपी प्रभारी ने घटना की सूचना वरीय पदाधिकारियों को दी. घटना की जानकारी मिलते ही कालूबथान, गलफरबाड़ी, चिरकुंडा थाने की पुलिस के साथ ही पुलिस निरीक्षक भी घटनास्थल पर पहुंच मामले को नियंत्रण में लेने लिया.
पूर्व विधायक अरुप चटर्जी ने इस घटना के लिए पुलिस को बताया जिम्मेवार
पूर्व विधायक अरुप चटर्जी ने इसके लिए पुलिस को ही जिम्मेवार बताया और कहा कि पुलिस के सामने ही पूरी वारदात का होना सवाल खड़ा करता है. पुलिस की ओर से झामुमो समर्थकों पर नियंत्रण करने की कोशिश नहीं गई. इसके कारण ही मासस के कई कार्यकर्ता घायल हुए. आउट सोर्सिंग प्रबंधन लोगों को आपस में ही लड़वा रही है. मासस कार्यकर्तोओं का पूरा आन्दोलन शांतिपूर्ण था. लेकिन झामुमो द्वारा सुनियोजित तरीके से मासस कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया.
जबकि ओपी प्रभारी कुलदीप रोशन बारी ने पूर्व विधायक अरुप चटर्जी के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि पुलिस को जब कार्यक्रम की जानकारी मिली पुलिस जुलूस के पीछे-पीछे चल रही थी.
अरुप चटर्जी बाहरी लोगों को नियोजन करवाना चाहते हैं -बोदी हांसदा
इस मामले में झामुमो नेता बोदी हांसदा ने पूर्व विधायक अरूप चटर्जी जिम्मेवार बताते हुए कहा कि विस्थापित अपने हक के लम्बे समय से लड़ रहे हैं. लेकिन अरूप चटर्जी की कोशिश बाहरी लोगों को नौकरी दिलवा कर राजनीतिक लाभ लेने की है. इसको झामुमो किसी भी हालत में सफल नहीं होने देगी. झामुमो पहले से ही स्थानीय लोगों के नियो
रिपोर्ट:-संदीप कुमार शर्मा
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