डिजिटल डेस्क। अमेरिका के दिवंगत राष्ट्रपति जिमी कार्टर भारत से रहा गहरा नाता। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 साल की आयु में सोमवार को निधन हो गया। भारत आने वाले तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति थे। जिमी कार्टर का भारत से खास नाता रहा है।
जिमी कार्टर ने भारत दौरे पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के साथ दिल्ली घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए थे। इस घोषणा पत्र के साथ ही भारत और अमेरिका के बीच संबंधों का नया दौर शुरू हुआ था।
हरियाणा में एक गांव का नाम ही अमेरिकी राष्ट्रपति के नाम पर रखा गया…
जिमी कार्टर सेंटर के अनुसार, 3 जनवरी, 1978 को कार्टर और तत्कालीन प्रथम महिला रोजलिन कार्टर नई दिल्ली से एक घंटे की दूरी पर स्थित हरियाणा के दौलतपुर नसीराबाद गांव गए थे।
दरअसल जिमी कार्टर की मां लिलियन ने 1960 के दशक के अंत में पीस कॉर्प्स के साथ एक स्वास्थ्य स्वयंसेवक के रूप में इस गांव में काम किया था। जिमी कार्टर के गांव आने और उनके गांव से संबंध के बाद गांव के लोगों ने कार्टर के सम्मान में गांव का नाम बदलकर कार्टरपुरी कर दिया था।
जिमी कार्टर सेंटर ने भारत के साथ दिवंगत अमेरिकी राष्ट्रपति के संबंधों की दी जानकारी…
जिमी कार्टर सेंटर ने एक बयान में कहा है कि कार्टर के भारत दौरे ने ही भारत-अमेरिका की स्थायी साझेदारी की नींव रखी, जिससे दोनों देशों को फायदा हुआ। कार्टर सरकार के बाद से अमेरिका और भारत के बीच ऊर्जा, मानवीय सहायता, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष सहयोग, समुद्री सुरक्षा, आपदा राहत, आतंकवाद विरोधी आदि क्षेत्रों में मिलकर काम किया है।
साल 2000 के दशक के मध्य में, संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत ने पूर्ण असैन्य परमाणु सहयोग की दिशा में काम करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौता किया था और तब से द्विपक्षीय व्यापार में भारी वृद्धि हुई है। साल 2010 में, वाशिंगटन डीसी में पहली यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक डायलॉग हुई, जिसमें राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ‘अभूतपूर्व साझेदारी’ की शुरुआत की।
कार्टर प्रशासन से लेकर बाइडन प्रशासन तक अमेरिका-भारत संबंधों का दायरा गहरा हुआ है। साल 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति निक्सन के पाकिस्तान के प्रति झुकाव के कारण भारत-अमेरिका के संबंधों में तनाव आ गया था, लेकिन जिमी ने तेजी से विकसित हो रही वैश्विक व्यवस्था में एक लोकतांत्रिक भागीदार के रूप में भारत के साथ फिर से जुड़ने के महत्व को समझा।
वर्ष 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित हुए थे पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर…
अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने 1977 से 1981 तक यूएसए के 39वें राष्ट्रपति के रूप में पद संभाला। अपनी ईमानदारी और मानवीय प्रयासों के लिए उन्हें प्रशंसा भी मिली। साल 2002 में उन्हें दुनिया भर में लोकतंत्र और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के उनके काम के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अमेरिका की सियासत में जिमी कार्टर अपने कामकाज एवं अप्रोच के लिए अलग ही माटी के बने हए माने जाते रहे। अमेरिका के जॉर्जिया राज्य के प्लेन्स में पैदा होने वाले कार्टर विनम्रता और सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण के जरिए राष्ट्रपति पद तक पहुंचे। इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले कार्टर जॉर्जिया के गवर्नर थे।
साल 1976 के राष्ट्रपति पद की दौड़ में उन्होंने एक बाहरी व्यक्ति के रूप में प्रवेश किया। अपनी ईमानदारी दिखाते हुए उन्होंने जनता से महत्वपूर्ण वादा किया। उन्होंने कहा, ‘अगर मैं कभी आपसे झूठ बोलूं, अगर मैं कभी कोई भ्रामक बयान दूं, तो मुझे वोट न दें।’ वाटरगेट कांड और वियतनाम युद्ध से उबर रहे राष्ट्र के दिल को इस बयान ने छू लिया।