समस्तीपुर: राजधानी पटना में बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा रद्द करने की मांग कर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों के समर्थन में जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर राजधानी पटना के गांधी मैदान में पिछले पांच दिनों से आमरण अनशन पर बैठे थे। पांचवें दिन अहले सुबह पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को पूरे दिन पटना का माहौल गहमागहमी भरा रहा।
इस दौरान राजद पूरी तरह से प्रशांत किशोर पर हमलावर रहा और प्रशांत किशोर के पूरे प्रदर्शन को नौटंकी करार दिया। इसी कड़ी में समस्तीपुर के विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने भी प्रशांत किशोर पर जम कर निशाना साधा। उन्होंने प्रशांत किशोर पर छात्रों के आंदोलन को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि यह आंदोलन छात्रों का था, इसे छात्रों तक ही सीमित रहने देना चाहिए था। प्रशांत किशोर ने अपनी राजनीतिक उपस्थिति से छात्रों के संघर्ष को डाइवर्ट कर दिया, और इससे सरकार पर पड़ने वाला दबाव कम हो गया।
उन्होंने कहा कि हम छात्रों के आंदोलन से विपक्ष को राजनीति से अलग रखना चाहते थे। हमारी पार्टी ने छात्रों को हरसंभव समर्थन देने का आश्वासन दिया था और नैतिक समर्थन दे रही थी। छात्रों के आंदोलन में सीधी राजनीतिक हस्तक्षेप से आंदोलन मूल उद्देश्य से भटकने लगा है। विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने प्रशांत किशोर के प्रदर्शन को रोकने के लिए बल प्रयोग पर प्रशासन का समर्थन किया और कहा कि प्रदर्शन के लिए प्रशासन ने गर्दनीबाग में जगह निर्धारित कर रखा है।
गांधी मैदान जैसे प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रदर्शन करना कानून का उल्लंघन है क्योंकि वहां हजारों छात्रों की उपस्थिति से विधि व्यवस्था बिगड़ सकती थी। विधायक ने प्रशांत किशोर की रणनीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले प्रशांत किशोर आंदोलन का विरोध करते थे लेकिन अब राजनीतिक माइलेज लेने के लिए आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। यह उनकी कथनी और करनी में अंतर है। छात्रों के इस बड़े आंदोलन को कमजोर करने के लिए वे जिम्मेदार हैं।
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समस्तीपुर से आलोक कुमार की रिपोर्ट
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