पटना : बिहार की राजनीति में फिर से उबाल आने के संकेत मिलने लगे हैं. एक बार फिर से सियासी चुल्हे में आग भड़काने का बीड़ा धुरंधर नेता जीतनराम मांझी ने उठाया है. 6 दिसंबर को गया जिले के इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में आयोजित सभा में एनडीए के घटक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माझी ने एक बार फिर अपने बयान से प्रदेश के राजनैतिक गलियारे में खलबली मचा दी है. उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से एक हजार करोड़ रूपये के फंड की मांग की है. फंड नहीं दिए जाने पर, उन्होंने गठबंधन से किनारा कर लेने की चेतावनी भी दी है.
जीतन राम मांझी के इस बयान के बाद महागठबंधन को भी आग में घी डालने का मौका मिल गया है. आरजेडी प्रवक्ता भाई बिरेंद्र ने आरोप लगाया है कि नीतीश सरकार में सभी विधायक और मंत्रियों की अनदेखी की जाती है. मुख्यमंत्री के चहेते मंत्रियों के विभागों में ज्यादा फंडिंग होती है. वहीं कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि वे जीतन राम मांझी के बयानों को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हैं, क्योंकि वह अपने बयानों से कब पलटी मार देंगे कहना मुश्किल है, यह कहना मुश्किल है.
रिपोर्ट : शक्ति