बेगूसराय : बेगूसराय जिले से एक अजीबोगरीब खबर सामने आई है। ट्यूशन पढ़ाने के दौरान 25 साल की प्रज्ञा और 20 साल की लक्ष्मी को आपस में प्यार हो गया। दोनों एक-दूसरे से बेइंतहा मोहब्बत करती थी। प्यार ऐसा परवान चढ़ा कि परिवारवालों के खिलाफ जाकर दोनों ने घर से से दिल्ली भागकर शादी रचा ली। दरअसल, दो लड़कियां घर से दिल्ली भाग गई और वहां पहुंचकर मंदिर में शादी रचा ली। 20 साल की लक्ष्मी और 25 साल की प्रज्ञा सुमन के समलैंगिक विवाह की चर्चा अब इलाके में खूब हो रही है। बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के खांजहांपुर में दो लड़कियों ने समलैंगिक विवाह कर लिया। पुलिस ने घर से फरार दोनों लड़कियों को मंझौल से बरामद किया है। दोनों ने अपनी स्वेच्छा से शादी करने की बात स्वीकारी है।
आपको बता दें कि दोनों लड़की मंझौल कोर्ट में सरेंडर करने पहुंची थी तभी पुलिस ने लड़की को हिरासत में लिया। पूछताछ में बताया कि ट्यूशन पढ़ाने के दौरान उसे अपनी सहेली से ही प्यार हो गया। दोनों एक दूसरे से बेइंतहा मोहब्बत करते थे और दोनों के बीच रोजाना घंटों मोबाइल पर बातचीत होती थी। दोनों का यह रिश्ता परिवार वालों को मंजूर नहीं था। दोनों सहेली ने घर से भाग कर दिल्ली के मंदिर में शादी रचा ली। बताया जाता है कि ट्यूशन पढ़ाने के दौरान 25 वर्षीय प्रज्ञा सुमन उर्फ प्रियंका को 20 वर्षीय छात्रा लक्ष्मी कुमारी से प्यार हो गया था। प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि दोनों ने घर से भाग कर मंदिर में शादी रचा ली। महज 10 माह की गहरी दोस्ती के बाद दोनों ने जीवनसाथी बनने का निर्णय ले लिया। प्रज्ञा सुमन खोदाबंदपुर थाना के मिल्की गोसाईमठ वार्ड-11 की रहने वाली है।
वहीं लक्ष्मी कुमारी चेरियाबरियारपुर के खाजहांपुर की निवासी है। शनिवार को दोनों युवती को चेरियाबरियारपुर पुलिस मेडिकल के लिए सदर अस्पताल लेकर पहुंची। जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लक्ष्मी पत्नी और प्रज्ञा सुमन पति बनकर मंदिर में शादी की। लक्ष्मी ने बताया कि उसकी बड़ी बहन की शादी गोसाई मठ में हुई है। लक्ष्मी अपनी बहन के यहां कुछ महीने से रह रही थी। प्रियंका उसी गांव में ट्यूशन पढ़ाती थी। एक बार प्रियंका बीमार पड़ गई तब से मोबाइल पर हाल-चाल लेने के बहाने दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई। लक्ष्मी बीए पार्ट वन की छात्रा है जबकि प्रियंका बीए पार्ट तृतीय की छात्रा है। 10 दिसम्बर को दोनों ने घर से भागने का फैसला लिया।
लक्ष्मी ने बताया कि हम-दोनों के संबंधों की जानकारी जब परिजनों को हुई तब वो इस रिश्ते का विरोध करने लगे। परिजनों के विरोध के कारण दोनों घर से दिल्ली भाग गई और साथ जीने और मरने की कसमें खा ली। नई दिल्ली में किराये के मकान में दोनों रहने लगे। दोनों एक फैक्ट्री में 11 हजार रुपए पर नौकरी करने लगी। कुछ दिन पहले जब लक्ष्मी के भाई ने उसे कॉल करके बताया कि तुम लोगों पर केस हो गया है। इसके बाद दोनों सहेली खुद थाने पहुंच गई। 26 दिसम्बर को लक्ष्मी के पिता रामाश्रय महतो ने केस दर्ज कराया। जिसमें प्रज्ञा सुमन को आरोपी बनाया था।
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पति बनी प्रज्ञा सुमन हर वक्त लक्ष्मी के साथ रहती है। पुरुष के वेश में समलैंगिक विवाह करने वाली प्रज्ञा सुमन बचपन से ही लड़के के भेष में रहती है। उसका रहन-सहन भी लड़कों जैसा ही है। उसकी आवाज भी लड़कों जैसी ही है। प्रज्ञा सुमन ने कहा कि वह कमा कर पति धर्म का पालन करेगी। वहीं लक्ष्मी कुमारी ने कहा कि वह अपने पति के हर कदम पर उसके साथ है। दोनों ने एक बात बताया कि उन्हें लड़कों से नफरत हैं। वो लड़कों को पसंद नहीं करती है। वहीं चेरिया बरियारपुर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने न्यायालय में दोनों को बयान अंकित कराए हुए चिकित्सीय जांच के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है।
बता दें कि हमारे देश में शादी का मतलब एक लड़का और एक लड़की का जीवन भर का रिश्ता होता है। लड़का हो या लड़की परिजन के द्वारा बड़ी धूमधाम से अपनी बेटे बेटियों को शादी कराते हैं और उम्मीद करते हैं कि दोनों लोग पूरे जीवन भर साथ रहेंगे। आमतौर पर ऐसा ही होता है। हालांकि बिहार के बेगूसराय से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। अब समलैंगिक विवाह इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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अजय सिंह की रिपोर्ट