प्रयागराज : महाकुंभ 2025 के दौरान 45 करोड़ श्रद्धालुओं को स्नान करवाने का है योगी सरकार का संकल्प। आज सोमवार 13 जनवरी पौष पूर्णिमा के शुरूआत के साथ ही 45 दिवसीय महाकुंभ 2025 के हुए शुभारंभ को लेकर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार खासी उत्साहित है। संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों के पावन स्नान के लिए की गई तैयारियों के संबंध में बहुत पहले से ही योगी कैबिनेट केंद्र सरकार के साथ मिलकर पूरी व्यवस्था को भव्य और दिव्य रूप देने में जुट गई थी।
पता चला है कि संगम क्षेत्र में लगातार कटान होने के चलते स्नान क्षेत्र के संकुचित होते दायरे को विस्तार देने पर गंभीरता से तकनीक का उपयोग करते हुए अंतिम रूप दिया गया है। अब इसी क्रम में सोमवार से शुरू हुए अमृत स्नान के लिए तैयार क्षेत्र में रोजाना अधिकतम 2 करोड़ तक की संख्या में लोग स्नान कर सकेंगे, ऐसा सरकारी दावा है।
महाकुंभ में अमृत स्नान के लिए ऐसे बना मौजूदा संगम क्षेत्र
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, साल 2019 कुंभ में योगी सरकार द्वारा 25 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए स्नान की व्यवस्था की गई थी। विगत 6 वर्षों में नदी की कटान के कारण संगम नोज काफी सीमित रह गया था। इस बार योगी सरकार ने महाकुंभ में 45 करोड़ श्रद्धालुओं को संगम स्नान कराने का संकल्प लिया है, इसको देखते हुए संगम क्षेत्र के विस्तार की बहुत आवश्यकता थी। यह बेहद चुनौती पूर्ण भी था।
वर्ष 2019 से हो रहे लगातार कटान के बावजूद 2025 के लिए संगम नोज में दो हेक्टेयर (2.60 लाख स्क्वायर मी.) क्षेत्र रिक्लेम किया गया है। इससे लगभग 2 लाख श्रद्धालु प्रति घंटे अधिक सुविधा और सुगमता से स्नान कर पाने में सक्षम होंगे। 2019 में संगम नोज की क्षमता 50 हजार श्रद्धालु प्रति घंटा स्नान की थी। इस तरह इसमें तीन गुना से ज्यादा की वृद्धि की गई है, जो ऐतिहासिक उपलब्धि है।
यही नहीं, शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक कुल 26 हेक्टेयर भूमि को रिक्लेम कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि 2019 से नदी लगातार अपने दाएं किनारे को पकड़ कर चलती थी। इसके करण दो हेक्टेयर से ज्यादा भूमि नदी में समाहित हो गई थी। इसको चार ड्रेजर मशीनों के माध्यम से रिक्लेम करके सफलता हासिल की गई।

महाकुंभ के लिए योगी सरकार सरकार की वृहद तैयारियों को मूर्त रूप देने में जुटी थी वाराणसी की टीम
मिली जानकारी के मुताबिक, महाकुंभ में संगम स्नान को लेकर योगी सरकार ने श्रद्धालुओं की सहूलयित के लिए वृहद तैयारी की है। मात्र 85 दिनों के अंदर प्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग की यांत्रिक शाखा बैराज यंत्रिक खंड अनुरक्षण वाराणसी ने दिन रात एक करके संगम त्रिवेणी पर 2 हेक्टेयर से ज्यादा एरिया को विस्तार दिया है, जिसके चलते अब यहां अमृत स्नान पर भी हर घंटे दो लाख श्रद्धालु सुगमता के साथ स्नान कर सकेंगे।
करीब 2 हेक्टेयर एरिया में वृद्धि से जो त्रिकोण बना है उससे तीन तरफ से स्नान की सुविधा मिली है। इस क्षेत्र को ही संगम नोज कहा जा रहा है। सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता (सज्जा एवं सामग्री प्रबंध) लखनऊ उपेन्द्र सिंह ने बताया कि – इस कार्य को बैराज यंत्रिक खंड अनुरक्षण वाराणसी द्वारा 15 अक्टूबर 2024 से शुरू किया गया था और इसे 7 जनवरी 2025 को संपन्न कर लिया गया।
कुल 85 दिनों तक तीनों शिफ्ट में काम करते हुए इस काम को अंजाम दिया गया। हर शिफ्ट में लगभग 25 वर्कर और सुपरवाइजर ने मिलकर कार्य को संपन्न कराया। इस दौरान विशेष रूप से चार ड्रेजर मशीनों का उपयोग किया गया। लगभग 7 लाख घन मीटर सिल्ट निकला गया, जिसे शास्त्री ब्रिज के डाउनस्ट्रीम से लेकर संगम नोज के बीच के दाहिने किनारे पर 6 लाख घन मीटर की बालू देकर विस्तार दिया गया।
इसके साथ ही दूसरे महत्वपूर्ण एरावत घाट पर भी लगभग 75,000 क्यूबिक मीटर बालू देकर क्षेत्र का विस्तार दिया गया। यही नहीं, सिंचाई विभाग के द्वारा बालू की बोरी लगाकर घाटों का विस्तार भी किया गया है।

महाकुंभ 2025 के पहले ही दिन संगम तट पर दिखा सनातन के महासमागम का अद्भुत दृश्य…
प्रयागराज में संगम तट पर पौष पूर्णिमा की समायवधि ज्योंहि सोमवार की सुबह 5 बजे के बाद महाकुंभ 2025 शुरू होने के उद्घोष हुआ तो संगम तट पर भारी संख्या में जुटे देशी और विदेशी श्रद्धालुओं – तीर्थयात्रियों में गंगा, जमुना और सरस्वती नदियों के संगम स्थल पर पावन डुबकी लगाने का जोश देखते ही बन पड़ रहा था। अद्भुत पल था। विदेशों से पधारे तीर्थयात्री अविरल एकटक इस क्षण को निहारकर अपने नयनों से स्मृतिपटल पर संजो रहे थे।
सोमवार की सुबह सुबह पांच बजे साधु-संतों के शंखध्वनि और उद्घोष के साथ ही आसपास हर-हर महादेव से जयकारों से गूंज उठा। यूपी सरकार की ओर जारी बयान के मुताबिक, सोमवार को महाकुंभ 2025 के पहले दिन सुबह साढ़े 9 बजे तक करीब 60 श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगा ली है। इससे पहले सुबह साढ़े 7 बजे बज तक यह संख्या करीब 35 लाख आंकी गई थी।

शीतलहरों वाले बयार के बीच कड़ाके की सर्दी में संगम के शीतल जल में डुबकी लगाते श्रद्धालुओं का दृश्य देखते बन रहा था। जो भी इसे निहार रहा था – चाहे भारतवासी हो या विदेशी, वह यही कह रहा कि संगम पर यह सनातन का अद्भुत महासमागम है। इस बार युवाओं में सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रति खासा उत्साह देखने को मिला। संगम स्नान और दान-पुण्य में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम तट पर पूजा-अर्चना और दान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। डुबकी लगाने वालों में न केवल पूर्वी और पश्चिमी यूपी के बल्कि उत्तराथखंड, बिहार, झारथखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, अंडमान-निकाबोरा, गुजरात, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, दिल्ली-एनसीआर, तमिलनाडु, केरल, हैदराबाद आदि के अलावा, रूस, यूक्रेन, ब्रिटेन, अमेरिका, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, इटली, बेल्जियम आदि से पधारे श्रद्धालु शामिल हैं।
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