रांची: झारखंड के बिजली उपभोक्ताओं को जल्द ही बड़ा झटका लग सकता है। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने राज्य विद्युत नियामक आयोग को बिजली दरों में 30% बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा है।
वर्तमान में घरेलू बिजली दर प्रति यूनिट ₹6.65 है, जिसे ₹8.65 तक बढ़ाने की योजना है।जेबीवीएनएल ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि राज्य सरकार द्वारा 41 लाख उपभोक्ताओं को हर महीने 200 यूनिट मुफ्त बिजली दी जा रही है, जिस पर हर माह ₹344 करोड़ खर्च हो रहे हैं। इसके साथ ही, सालाना ₹45 करोड़ की बिजली चोरी हो रही है। इन घाटों को कवर करने और बिजली वितरण में सुधार के लिए बिजली दरों में वृद्धि जरूरी बताई गई है।
बिजली दरों पर अंतिम निर्णय विद्युत नियामक आयोग द्वारा लिया जाएगा। अप्रैल में जन सुनवाई आयोजित की जाएगी, और जून 2025 तक नई बिजली दरों का फैसला होने की संभावना है।सितंबर 2024 में टैरिफ की घोषणा के दौरान बिजली दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था। जेबीवीएनएल द्वारा पहले भी दरों में वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे खारिज कर दिया गया था। इस बार प्रस्ताव के तर्कों को देखते हुए वृद्धि की संभावना अधिक है।
झारखंड में हर साल 22,000 से अधिक बिजली चोरी के मामले दर्ज होते हैं। 2023 में 24,399 केस दर्ज किए गए थे, जिससे विभाग को ₹47 करोड़ का नुकसान हुआ। वहीं, 2024 में जनवरी से दिसंबर तक 21,902 मामले सामने आए, जिनसे ₹43 करोड़ का घाटा हुआ।जेबीवीएनएल के जीएम (एटीपी) श्रवण कुमार ने बताया कि बिजली चोरी रोकने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।
इसके बावजूद चोरी की घटनाएं विभाग के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। यदि बिजली दरों में वृद्धि होती है, तो यह झारखंड के उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ सकता है। जन सुनवाई और अंतिम निर्णय का इंतजार अब सभी को है।