प्रयागराज : महाकुंभ में अखिलेश यादव ने लगाई थीं 11 डुबकियां, बताए उनके मायने भी…। महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या से पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर बीते रविवार को संगम तीर्थ में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के मिलनस्थल त्रिवेणी में समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने डुबकी लगाई तो अचानक से सुर्खियों में आ गए।
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वजह यह रही कि बीते मकर संक्रांति के दौरान महाकुंभ महोत्सव में स्नान के लिए प्रयागराज न आकर उन्होंने हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगाई थी। अब बीते रविवार को सपरिवार सपा मुखिया प्रयागराज में महाकुंभ महोत्सव में भाग लेने पहुंचे तो एयरपोर्ट से लेकर संगम तक मीडिया के कैमरे उन्हीं पर लगातार फ्लैश होते रहे।
खुद सपा मुखिया ने भी मीडिया वालों को निराश नहीं किया और संगम में डुबकी लगाने के बाद उनसे मुखातिब हुए एवं उनके तमाम सवालों का जवाब लेते हुए जिज्ञासाओं को शांत किया। हालांकि इस क्रम में मीडिया की ओर जो जानकारी सार्वजनिक नहीं हो पाई, उसे लेकर खुद सपा मुखिया संजीदा दिखे।
अखिलेश यादव ने बाद में खुद ही सोशल मीडिया पर वह बात साझा की और बताया कि उन्होंने रविवार को संगम में कुल 11 बार डुबकियां लगाई थीं।
संगम में सपा मुखिया के 11 डुबकियों के हैं मनोहारी मायने…
सपा मुखिया अखिलेश यादव के गणतंत्र दिवस पर संगम में डुबकी लगाने को भले सियासी चश्मे भी लोग देख रहे हों लेकिन उनके हावभाव और अंदाज से साफ है कि वह बतौर सनातनी परंपरा के अनुरूप आस्था में सरोबार होकर संगम तट पर पावन स्नान के लिए सपरिवार पहुंचे थे। इस मामले में सियासी चोला अलग है और संगम स्नान का गलत सियासी मायने विरोधी ना निकाले, इसके लिए अखिलेश यादव ने रविवार को संगम तट पर ही कुछ बयान भी दिए जरूर लेकिन काफी संभलकर और संयत स्वर में।
बाद में जो बात और सवाल मीडिया के बंधुओं से छूटा हुआ रह गया था, उसे लेकर खुद अखिलेश यादव ने पहल की। अखिलेश यादव अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर इस बारे में खुलकर पूरे मनोयोग से लिखा है। एक्स पर पोस्ट करके अखिलेश यादव ने 11 डुबकी लेने के रहस्य का खुलासा किया। उन्होंने हर डुबकी का अलग-अलग मतलब बताया है।
एक्स पर अखिलेश यादव ने लिखा, ‘महाकुंभ के पावन अवसर पर ‘संगम’ में: एक डुबकी मां त्रिवेणी को प्रणाम की…/ एक डुबकी आत्म-ध्यान की…/ एक डुबकी सर्व कल्याण की…/ एक डुबकी सबके उत्थान की…/ एक डुबकी सबके मान की…/ एक डुबकी सबके सम्मान की…/ एक डुबकी सर्व समाधान की…/ एक डुबकी दर्द से निदान की…/ एक डुबकी प्रेम के आह्वान की…/ एक डुबकी देश के निर्माण की…/ …एक डुबकी एकता के पैगाम की!!!’

अखिलेश ने संगम में डुबकी लगाकर पूरे विधान से सूर्य को दिया था अर्घ्य
बीते रविवार को गणतंत्र दिवस के दिन सायं 4 बजे तक 1.17 करोड़ लोगों ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम यानि त्रिवेणी में पावन डुबकी लगाई। डुबकी लगाने वालों में रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल रहे।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश प्रयागराज के संगम में डुबकी लगाने के लिए जाने के क्रम में अखिलेश यादव एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं के बीच फंस गए। वह मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी करने गए।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार 26 जनवरी को अपने पूरे परिवार के साथ महाकुंभ में त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई और पूरे विधान से संगम में डुबकी लगाने के बाद सूर्य को अर्घ्य भी दिया। अखिलेश यादव के साथ सपा नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद थे। इससे पहले मकर संक्रांति के मौके पर प्रयागराज में महाकुंभ में डुबकी लगाने के बजाय हरिद्वार में सपा मुखिया ने गंगा में डुबकी लगाई तो वह सियासी हलके में चर्चा का विषय बना था। रविवार को प्रयागराज में डुबकी लगाने के बाद सपा मुखिया ने गंगा में अपनी डुबकी को लेकर तमाम सवालों का मीडिया को खुलकर जवाब भी दिया।

संगम में डुबकी लगाकर बोले थे अखिलेश – ये समय नहीं है सवाल को उठाने का…
संगम में डुबकी लगाने के बाद मीडिया से मुखातिब होने पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि – ‘…आज 26 जनवरी है। ऐसे में उन्होंने देश के विकास और लोगों की सुख समृद्धि की कामना करते हुए तीनों नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाई। …यही कामना है की सौहार्द सद्भावना और सहनशीलता बनी रहे।
…जहां तक महाकुंभ की व्यवस्था की बात है तो काम और बेहतर इंतजाम हमेशा हो सकते हैं। जिस समय 800, 1300 करोड़ रुपये खर्च किए उस समय भी इंतजाम अच्छा था। कभी-कभी सरकार ये कहती है कि रेलवे स्टेशन पर जान चली गई थी लोगों की तो वो हादसा समाजवादी पार्टी की सरकार की वजह से नहीं बल्कि रेलवे डिपार्टमेंट विभाग की गलती थी।

…विभाग ने प्लेटफॉर्म बदला था जिसकी वजह से भगदड़ हुई थी। रेलवे की तरफ से गलत अनाउंसमेंट हुआ था जिसकी जानकारी मुख्यमंत्री योगी को नहीं है। सपा ने समय-समय पर सवाल इसीलिए उठाए कि सरकार कमियों को दूर करे। 13 सौ करोड़ में भी कुंभ हुआ और 8 सौ करोड़ में भी कुंभ हुआ था।
…सवाल ये नहीं है कि कितने करोड़ का हो रहा है। …सवाल ये है कि यहां आने वाली जनता को सुविधाएं मिलें ? मां गंगा के लिए जो संकल्प लिया था कि गंगा बेहतर बहे, शुद्ध बहे, निर्मल हो। …शायद ये समय नहीं है इस सवाल को उठाने का’।