रांची: 18वीं लोकसभा के पहले बजट सत्र से पूर्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद में अभिभाषण दिया, जिसमें उन्होंने सरकार की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में विकास का नया वातावरण बना है और हाल ही में संपन्न हुए चुनाव शांतिपूर्ण माहौल में हुए। राष्ट्रपति ने सरकार की जनसेवा प्रतिबद्धता दोहराते हुए बताया कि सरकारी योजनाओं का लाभ दिव्यांगों को भी दिया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने भारत की वैश्विक स्थिति को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत ने सांस्कृतिक मंच पर ग्लोबल लीडर के रूप में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने बताया कि सरकार ने 1,500 से अधिक पुराने कानूनों को निरस्त कर न्याय संहिता लागू की है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। सरकार का मंत्र “सबका विकास, सबका प्रयास” है, जिसके तहत 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं। मध्यम वर्ग के लिए घर खरीदने के सपने को पूरा करने के लिए लोन पर सब्सिडी दी जा रही है।
भारत डिजिटल तकनीक में तेजी से आगे बढ़ रहा है। 5G की शुरुआत इसका उदाहरण है, वहीं यूपीआई की सफलता से दुनिया प्रभावित हो रही है। डिजिटल टेक्नोलॉजी के जरिए छोटे व्यवसायियों को भी आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है।
सरकार रोजगार के नए अवसर तैयार कर रही है। भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए नया कानून लागू किया गया है। युवाओं के लिए एक करोड़ इंटर्नशिप की व्यवस्था की गई है। मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने की योजना से हर छात्र को शिक्षित करने का लक्ष्य है।
70 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है। कैंसर की बढ़ती समस्या को देखते हुए दवाओं पर कस्टम ड्यूटी हटाई गई है। देश जल्द ही टीबी मुक्त होने की ओर बढ़ रहा है। कृषि क्षेत्र में सरकार किसानों को उचित दाम दिलाने के लिए प्रयासरत है और तिलहन उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर में रिकॉर्डतोड़ निवेश किया है। देश जल्द ही कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेलवे लाइन से जुड़ जाएगा। भारत का मेट्रो नेटवर्क 1,000 किलोमीटर का आंकड़ा पार कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा नेटवर्क बन गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा में साइबर क्राइम से निपटने के लिए सतर्क है। इसरो ने 100वां लॉन्च सफलतापूर्वक पूरा कर अंतरिक्ष में भी भारत का परचम लहराया है।
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण के अंत में कहा कि “हमारा एक ही संकल्प, एक ही लक्ष्य – विकसित भारत।”