रांची: ऋतुओं का राजा बसंत प्रकृति का यौवन है। सर्दी के जाने और बढ़ते तापमान के बीच खेतों में सरसों के पीले फूल लहलहा रहे हैं, जिससे वातावरण में एक नई ताजगी महसूस की जा रही है। कांके, नगड़ी, बुढ़मू सहित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) क्षेत्र में सरसों की खेती बड़े पैमाने पर हो रही है, जिससे यह इलाका प्रकृति के अनोखे रंगों से सराबोर हो गया है। बीएयू के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, रांची में सरसों की पैदावार बढ़ाने के लिए नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।
मौसम का हाल: तापमान में उतार-चढ़ाव जारी
बसंत ऋतु के आगमन के साथ ही रांची में तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। बीते दो दिनों से अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है, जबकि न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पिछले 24 घंटों में अधिकतम तापमान 1.2 डिग्री सेल्सियस गिरकर 29 डिग्री पर पहुंच गया, जो सामान्य से 4.1 डिग्री अधिक है। वहीं, न्यूनतम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 15.5 डिग्री पर पहुंचा, जो सामान्य से 5.1 डिग्री अधिक है। इस बदलाव के कारण सर्दी लगभग समाप्त हो गई है, लेकिन तापमान में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव से बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह: इम्युनिटी मजबूत करें
मेडिकल ऑफिसर डॉ. शुभम शेखर के अनुसार, फरवरी में तापमान में बदलाव और हवा में नमी बढ़ने से वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। सर्दी, खांसी, फ्लू, निमोनिया, अस्थमा, चिकनपॉक्स और डायरिया जैसी बीमारियों के मामले बढ़ सकते हैं। इनसे बचने के लिए लोगों को अपनी इम्युनिटी मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए।
फसलों की बुआई का सही समय: किसानों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
मौसम वैज्ञानिक राजू लिंडा (बीएयू) के अनुसार, बसंत ऋतु के साथ ही किसानों के लिए गरमा फसल लगाने का सही समय आ गया है। फरवरी में कहू, नेनुआ, झिंगी, बरोटी, भिंडी, गोभी सहित अन्य सब्जियां लगाने से मई-जून तक अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है।
फसल सुरक्षा के उपाय:
- बीजों को शुरुआती दौर में ही कीटनाशक पाउडर से उपचारित करें।
- कीड़ों से बचाव के लिए डस्टर पाउडर, मैलाथियान पाउडर और मिथाइल डेमोटोन पाउडर का छिड़काव करें।
- इस मौसम में भगजोगनी कीट का प्रकोप अधिक रहता है, जिससे बचाव के लिए राख और मिट्टी के तेल का छिड़काव किया जा सकता है।
आने वाले दिनों में मौसम का पूर्वानुमान:
- 3 फरवरी: आसमान साफ रहेगा।
- 4-5 फरवरी: आंशिक बादल छाए रहेंगे।
- 6 फरवरी: आसमान फिर से साफ होगा और तापमान में हल्की गिरावट देखने को मिलेगी।
बसंत ऋतु के आगमन से जहां प्रकृति निखर रही है, वहीं किसानों और आम जनजीवन पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। मौसम परिवर्तन के साथ सतर्कता और सही उपाय अपनाकर हम इसका लाभ उठा सकते हैं।