डिजिटल डेस्क : संसद में राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के बहाने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए सवाल। संसद में सोमवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में महाराष्ट्र चुनाव का मुद्दा उठाया, जिसमें हिमाचल प्रदेश की पूरी आबादी को अचानक महाराष्ट्र के मतदाता सूची में जोड़ने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से नए मतदाताओं के आंकड़े की मांग की और कहा कि ये नए मतदाता उन क्षेत्रों में हैं जहां भाजपा ने जीत हासिल की है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सोमवार को राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले हिमाचल प्रदेश की पूरी आबादी को मतदाता सूची में जोड़ दिया गया था।
राहुल बोले – हम चुनाव आयोग पर आरोप नहीं लगा रहे…
अपनी बात रखने के क्रम में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि – ‘मैं इस सदन के ध्यान में महाराष्ट्र चुनावों के बारे में कुछ आंकड़ों और जानकारी को लाना चाहता हूं। लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के बीच हिमाचल प्रदेश की मतदाता आबादी को महाराष्ट्र की मतदाता सूची में जोड़ा गया था।
…यानी हिमाचल प्रदेश की पूरी आबादी को महाराष्ट्र के मतदाता सूची में जोड़ दिया गया। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच करीब 70 लाख नए मतदाता अचानक आ गए।
हम चुनाव आयोग से कह रहे हैं कि कृपया हमें लोकसभा औरर विधानसभा के सभी मतदाताओं के नाम, पते और मतदाता केंद्र की जानकारी दें, ताकि हम गणना कर सकें कि ये नए मतदाता कौन हैं?
दिलचस्प बात यह है कि नए मतदाता ज्यादातर उन निर्वाचन क्षेत्रों में हैं, जहां भाजपा ने जीत हासिल की है। मैं अभी कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं। मैं सदन से कह रहा हूं कि चुनाव आयोग को आंकड़े देने होंगे। मुझे पूरा भरोसा है कि चुनाव आयोग हमें यह जानकारी देगा।’
‘पीएम सिर झुकाने को मजबूर लेकिन RSS ने कभी संविधान नहीं स्वीकारा’
अपने ही रौ में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने तीखे तेवरों के साथ केंद्र सरकार और RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) पर हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि – ‘मुझे याद है चुनाव से पहले आप सभी (भाजपा) 400 पार कह रहे थे और आप कह रहे थे कि आप इसे (संविधान) बदल देंगे। फिर मुझे यह देखकर खुशी हुई कि प्रधानमंत्री अंदर आए और संविधान के सामने अपना सिर झुकाने के लिए मजबूर हो गए।
…यह सभी कांग्रेस सदस्यों के लिए गर्व का क्षण था कि हमने प्रधानमंत्री और पूरे देश को समझाया कि कोई भी ताकत इसे छूने की हिम्मत नहीं करेगी। मैं जानता हूं कि RSS ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया है।
(RSS प्रमुख) मोहन भागवत ने कहा है कि भारत को आजादी 1947 में नहीं मिली थी। उन्होंने कहा कि यह निरर्थक है। हम आपका सपना कभी पूरा नहीं होगा। यह संविधान भारत पर हमेशा शासन करने वाला है।’
राहुल गांधी ने AI को बताया निरर्थक बताया और अमेरिका पर भी की टिप्पणी…
राहुल गांधी ने लोकसभा में अपने संबोधन में आगे कहा कि – ‘हमारा एक रणनीतिक साझेदार अमेरिका है। यह साझेदारी इस बात पर फोकस होनी चाहिए कि भारत और अमेरिका मिलकर इस क्रांति का लाभ कैसे उठा सकते हैं। भारत अमेरिका के जितने ही महत्वपूर्ण है, जिसकी वजह यह है कि वह हमारे बिना औद्योगिकी प्रणाली नहीं बना सकता।
…अमेरिकियों के लिए काम करना भारत के लिए आसान है। वह काम वे (अमेरिकी) नहीं कर सकते, क्योंकि उनकी लागत हमारी तुलना में कहीं ज्यादा है। हम वो चीजें बना कते हैं, जिसकी अमेरिकी भी कल्पना नहीं कर सकते।’
इसी क्रम में राहुुल गांधी ने कहा कि – ‘यह समझना महत्वपूर्ण है कि AI अपने आप में बिल्कुल निरर्थक है क्योंकि AI डेटा के ऊपर काम करता है। डेटा के बिना AI का कोई मतलब नहीं है। अगर हम जाति जनगणना के आंकड़ों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करें, तो इसका क्या असर होगा, इसकी कल्पना कीजिए।
..AI का उपयोग कर हम सामाजिक बदलाव ला सकते हैं। हम दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों और आदिवासियों को देश के शासन, संस्थाओं और संपत्ति के वितरण में अधिक भागीदार बनाएंगे। दूसरी दरफ, हम चीन को चुनौती देंगे और उन्हें इलेक्ट्रिक मोटर्स बैटरियां, सौर पैनल और पवन उर्जा जैसे क्षेत्रों में हराएंगे। यह वह दो मुख्य बाते होंगी, जो विपक्षी इंडिया गठबंधन का कोई नेता राष्ट्रपति के अभिभाषण में कहेगा।’