Dumri: गुमला जिले के डुमरी प्रखंड में आयोजित सिरसी-ता-नाले (दोन) कंकड़ों लता राजकीय समारोह के अवसर पर झारखंड सरकार के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने आदिवासी समाज के उत्थान, उनके धार्मिक अधिकारों और सांस्कृतिक पहचान को लेकर महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए। इस आयोजन में दूर-दराज से आए श्रद्धालु, जनप्रतिनिधि और समाज के गणमान्य लोग शामिल हुए।
Dumri: धर्म समाज को एकजुट करता है- लिंडा
अपने संबोधन में मंत्री लिंडा ने कहा कि धर्म समाज को एकजुट करता है और शक्ति प्रदान करता है। उन्होंने इस आयोजन को आदिवासी धर्म और संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया। उन्होंने कहा कि सरना धर्म को भारत सरकार से मान्यता दिलाने के लिए समाज का संघर्ष जारी रहेगा और यह आयोजन उसी दिशा में एक मजबूत कदम है।
Dumri: सिरसी ता क्षेत्र को कुंभ की तरह मान्यता दिलाने का प्रयास करेंगे
मंत्री लिंड ने घोषणा की कि सिरसी ता क्षेत्र को आदिवासी तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया जाएगा और इसे राष्ट्रीय स्तर पर कुंभ मेले की तरह मान्यता दिलाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह स्थान भारत के आदिवासियों के लिए आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जागरूकता का केंद्र बनेगा, जहां लोग अपने दुखों से मुक्ति और आत्मिक शांति प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि माघ पंचमी के अवसर पर हर वर्ष यहां भव्य आयोजन किया जाएगा, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना है।
Dumri: सरना धर्म प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक
उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि आदिवासी समाज सदियों से सूर्य, चंद्रमा, धरती, जल, जंगल और प्रकृति की आराधना करता आ रहा है और यह पहचान आदिवासी जीवन का मूल आधार है। उन्होंने कहा कि सरना धर्म प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है और इसे बचाने तथा मान्यता दिलाने के लिए पूरे समाज को एकजुट होना होगा। उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि जिस पूजा-पद्धति से प्रकृति बचती है, उसे मान्यता मिलनी ही चाहिए।
Dumri: श्रद्धालुओं के लिए पूरी सुविधाएं विकसित की जाएंगी
इस अवसर पर उन्होंने राजकीय स्तर पर इस स्थल के विकास की प्रतिबद्धता व्यक्त की और कहा कि सरकार इसके संरक्षण और विस्तार के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूरी सुविधाएं विकसित की जाएंगी, ताकि यह स्थल एक भव्य तीर्थस्थल के रूप में स्थापित हो सके। समारोह में बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने इस पहल की सराहना की और मंत्री के विचारों का समर्थन किया।
सुंदरम केशरी की रिपोर्ट