डिजिटल डेस्क : यूपी में Yogi सरकार का बजट 19 को होगा पेश। यूपी में यूपी में Yogi सरकार का बजट 19 फरवरी को पेश किया जाना तय हुआ है। CM Yogi आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बीते बुधवार की देर शाम संपन्न हुए कैबिनेट की बैठक में तय हुआ कि विधानसभा का बजट सत्र बुलाया जाए।
फिर Yogi कैबिनेट ने बजट सत्र बुलाने का प्रस्ताव भी मंजूर किया। इसके साथ ही बताया गया कि यूपी विधानमंडल का बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू होगा। अगले दिन यानी 19 फरवरी को यूपी सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट प्रस्ताव विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश करेगी।
Yogi कैबिनेट ने 11 प्रस्तावों को दी मंजूरी
CM Yogi आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बीते बुधवार की देर शाम संपन्न हुए कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों को गुरूवार की सुबह सार्वजनिक किया जाना है। बताया जा रहा है कि Yogi कैबिनेट ने इस बैठक में 11 प्रस्तावों पर अपनी मुहर लगाई।
कैबिनेट बैठक में परिवहन, पर्यटन, मेडिकल एजुकेशन विभाग के दो-दो प्रस्ताव, गृह, आबकारी, दुग्ध, आवास, बेसिक और संसदीय विभाग के एक-एक यानी कुल 11 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
साथ ही इस बैठक में बड़ा फैसला यह लिया गया कि अंग्रेजी शराब की दुकान, बीयर शॉप या अन्य वाइन शॉप का आवंटन लॉटरी सिस्टम के जरिए किया जाएगा। आबकारी विभाग की नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ये फैसला लिया गया।
अपनी आबकारी नीति को लेकर Yogi कैबिनेट ने साफ कर दी है तस्वीर
बहुत दिनों से यूपी के शराब व्यापारी यह सोच रहे थे कि सरकार आखिर कौन सी नीति ला रही है, क्या करने वाली है? अब योगी सरकार ने इसको लेकर तस्वीर साफ कर दी है।
वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी नीति में अहम बदलाव किया है। इस बदलाव हरियाणा के आबकारी मॉडल को आंशिक रूप से लिए लिया गया लेकिन इसे Yogi सरकार ने अपना नया लुक देने का प्रयास किया है। इसके तहत आबकारी विभाग इस बार पुराने लाइसेंस का रिन्यूवल नहीं करेगा।
तय हुआ है कि आबकारी विभाग में देशी-विदेशी शराब, बीयर, भांग की फुटकर दुकानों का लाइसेंस ई-लॉटरी से होगा। नई नीति में देशी-विदेशी शराब, बीयर, भांग की फुटकर दुकानों का लाइसेंस आवंटन ई-लॉटरी से करने के साथ ही इस बार पुराने लाइसेंस का रिन्यूवल नहीं करने का फैसला लिया है।
लेकिन इसी क्रम में यह साफ कर दिया गया है कि वित्तीय वर्ष 2026-27 में लाइसेंस रिन्यूवल का विकल्प दिया जाएगा।। बता दें कि इससे पहले वित्तीय वर्ष 2018-2019 में ई-लॉटरी से दुकानें आवंटित हुई थी। खास बात यह कि नई नीति में देशी मदिरा एसेप्टिक ब्रिक पैक में बिक्री के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इसका इस्तेमाल करने से शराब में मिलावट होने की आशंका खत्म होती है।
Yogi कैबिनेट के लॉटरी सिस्टम से शराब के दाम बढ़ेंगे या नहीं, ये अभी तय नहीं…
Yogi सरकार ने पहले ही संकेत दिया था कि शराब कारोबारियों के लिए नई नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया जाएगा। यूपी में शराब की दुकानों के मालिक लंबे समय से लाइसेंस नवीनीकरण की मांग कर रहे थे। हालांकि लॉटरी सिस्टम से शराब के दाम बढ़ेंगे या नहीं, ये अभी तय नहीं है।
यूपी सरकार ने शराब की बिक्री का राजस्व लक्ष्य करीब 58 हजार करोड़ रुपए रखा है। बहुत दिनों से यूपी के शराब व्यापारी ऊहापोह की स्थिति में थे कि सरकार आखिर कौन सी नीति ला रही है, क्या करने वाली है, लेकिन Yogi कैबिनेट के फैसले से सरकार ने इस मामले पर छाई धुंध साफ कर दी है।
Yogi सरकार ने यूपी के लिए बीते बुधवार देर शाम को स्वीकृत की गई नई आबकारी नीति में साफ कर दिया है कि आबकारी दुकानों के लाइसेंस आवंटन में भी एक खास कायदा रहेगा। इसके तहत कोई भी व्यक्ति, फर्म, कंपनी दो से अधिक लाइसेंस नहीं ले सकेंगी। इस बदलाव हरियाणा के आबकारी मॉडल को आंशिक रूप से लिए लिया गया लेकिन इसे Yogi सरकार ने अपना नया लुक देने का प्रयास किया है।
Yogi सरकार की नई आबकारी नीति में निजी प्रयोग के लिए निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा क्रय, परिवहन एवं निजी कब्जे में रखने के लिए वैयक्तिक होम लाइसेंस की व्यवस्था सरल की गई है। लाइसेंस के लिए सालाना फीस 11 हजार रुपये और सिक्योरिटी 11 हजार रुपये होगी।
लाइसेंस उन लोगों को ही मिलेगा, जो तीन वर्ष से लगातार आयकरदाता होंगे। उन्हें अपना आयकर रिटर्न भी दाखिल करना होगा। इसमें न्यूनतम दो वर्षों में आवेदक द्वारा न्यूनतम 20 प्रतिशत श्रेणी में आयकर का भुगतान किया गया हो।यदि कृषि आय से 20 प्रतिशत आयकर के स्लैब में आने के बावजूद किसी आवेदक पर कर की देयता नहीं बनती हो, तब ऐसा आवेदक भी लाइसेंस के लिए अर्ह होगा।
बताया जा रहा है कि Yogi कैबिनेट ने नई नीति में 55 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 4000 करोड़ रुपये अधिक है। नई आबकारी नीति के तहत के तहत मॉल्स के मल्टीप्लेक्स एरिया में प्रीमियम ब्रांड की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं होगी।
हालांकि सक्षम स्तर से अनापत्ति मिलने पर हवाई अड्डों, मेट्रो व रेलवे स्टेशनों पर मुख्य भवन में प्रीमियम रिटेल की दुकानें अनुमन्य हाेंगी। इनका मुख्य द्वार भवन के अंदर होने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। वहीं, पहली बार विदेशी मदिरा की 60 एमएल और 90 एमएल की बोतलों की बिक्री की अनुमति भी दी गई है।