रांची: झारखंड राज्य में 1 अप्रैल से नई उत्पाद नीति लागू होने जा रही है, जिसके तहत शराब की खुदरा बिक्री अब निजी हाथों से की जाएगी। इससे संबंधित नियमावली का ड्राफ्ट आम जनता और सभी हितधारकों के लिए सार्वजनिक किया गया है। इसमें 16 फरवरी तक आपत्ति और सुझाव मांगे गए हैं, और 20 फरवरी तक संबंधित संकल्प जारी किया जाएगा।
झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ ने नियमावली के ड्राफ्ट का अध्ययन शुरू कर दिया है और अगर कोई सुझाव मिलते हैं तो उन्हें विभाग के सामने पेश किया जाएगा। संघ के सदस्य राजस्व हित और बेहतर शराब आपूर्ति के लिए नई शर्तों की समीक्षा कर रहे हैं, और जल्द ही विभागीय मंत्री से मिलकर अपनी बात रखेंगे।
विभागीय मंत्री ने यह संकेत दिया है कि शराब बिक्री का पैसा विभाग में जमा नहीं करने वाली प्लेसमेंट एजेंसियों के खिलाफ जल्द ही विधिक कार्रवाई की जाएगी। वर्तमान में, झारखंड वेबरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के तहत संचालित दुकानों में एमआरपी से अधिक वसूली और सरकारी खाते में बिक्री की राशि जमा नहीं करने जैसे विवाद सामने आ चुके हैं।
नई उत्पाद नीति के अंतर्गत झारखंड उत्पाद (मदिरा की खुदरा बिक्री के लिए दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली 2025, झारखंड मदिरा का भंडारण एवं थोक बिक्री (संशोधन) नियमावली 2025, और अन्य संबंधित नीतियां शामिल हैं, जो राज्य में शराब की बिक्री और संचालन के लिए नए दिशा-निर्देशों की पेशकश करती हैं।