पटना: देश भर में चुनावी समय नजदीक आते ही राजनीतिक दल (Political Parties) आमजन को लुभाने के लिए मुफ्त घोषणाओं की बरसात करने लगते हैं। चुनाव के समय में Political Parties के नेता अक्सर जनता से मुफ्त देने की घोषणा तो कर वोट तो लेते हैं लेकिन चुनाव बाद सारी घोषणाएं भूल जाते हैं। अब इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने भी तीखी टिप्पणी की है।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को मुफ्त में राशन मिल रहा है, पैसे भी मिल जाते हैं और यही वजह है कि लोग काम नहीं करना चाहते हैं। आज जरूरत है कि लोगों को कुछ चीजें मुफ्त में देकर सुविधा देने के बदले में मुख्यधारा में लाया जाए। सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी शहरी गरीबी उन्मूलन मामले में सुनवाई के दौरान आई है। जस्टिस वी आर गोगई और जस्टिस ऑस्टिन जॉर्ज की डबल पीठ की बेंच ने शहरी इलाकों में बेघर लोगों के शेल्टर से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए कहा।
Political स्वार्थ के कारण राजनीति को किया अपवित्र
सुप्रीम कोर्ट के इस टिप्पणी पर अब राजनीति शुरू हो गई है। एनडीए जहां सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी का स्वागत कर रहा है वहीं विपक्ष भी अपनी सधी प्रतिक्रिया दे रहा है। एनडीए के सबसे बड़े घटक दल भारतीय जनता पार्टी के नेता और बिहार सरकार मे डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि माननीय न्यायालय का हम हमेशा सम्मान करते हैं। जिन्होंने यह वातावरण बनाया और राजनीति को अपने स्वार्थ के कारण अपवित्र कर दिया और ऐसे लोगों से अब देश को मुक्ति मिला है। प्रधानमंत्री यह बात तो कब से कह रहे थे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री देश और जनता के हित में अब मजबूत फैसला लेंगे।
Political Parties का रेवड़ी बांटना सही नहीं
जनता दल यूनाइटेड ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश प्रवक्ता निहोरा प्रसाद ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश से जनता दल यूनाइटेड सहमत है लेकिन इसमें दो बातें हो सकती हैं जो लाचार है और मेहनत नहीं कर सकते काम नहीं कर सकते हैं बिना मदद के जीवन यापन नहीं कर सकते हैं वैसे लोगों को सरकार की तरफ से मदद मिलनी चाहिए। लेकिन वैसे जो मेहनत करने वाले लोग हैं वैसे लोगों के बीच मुफ्त की रेवड़ी बांटना सही नहीं है।
कांग्रेस भी सहमत
दूसरी तरफ बिहार में विपक्षी दलों ने भी दबी जुबान में ही सही सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी सहमति जताई लेकिन कहीं ना कहीं यह भी कह दिया कि जिन लोगों को सरकारी सहायता की आवश्यकता नहीं है उन्हें भी सरकारी सहायताएं मिल रही हैं जो कहीं से सही नहीं है। जिन लोगों को सरकारी सहायता मिलनी चाहिए उन्हें सरकारी सहायता हर संभव तरीके से मिलनी चाहिए। कांग्रेस के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है लेकिन कुछ लोगों की वजह से बहुत से जरूरतमंद लोगों के बीच भी सही मायने में सरकारी सहायता नहीं पहुंच पाती है।
Political Parties की मुफ्त से होता भला तो ये होते अमीर
जन सुराज ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। जन सुराज के प्रवक्ता मनोज बैठा ने कहा कि जब जब चुनाव आता है तब तब Political पार्टियां जनता को रिझाने के लिए मुफ्त की घोषणाएं करने में जुट जाते हैं। वह राजनीतिक दल (Political Parties) यह भी नहीं सोचती है कि हमारे राज्य का कितना बजट है। मुफ्त में किसी भी चीज की घोषणा करने से हमारे राज्य के बजट पर कितना असर पड़ेगा। क्या फ्री चीज देने से हमारे देश में हमारे राज्य में गरीबी हटती है। फ्री चीजें देने से यदि सही में गरीबी हटती तो हमारे देश में प्लेटफार्म से लेकर अलग-अलग जगह पर जितने गरीब लोग हैं वह सभी लोग आज अच्छा जीवन यापन कर रहे होते।
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