नई दिल्ली: प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ में हुई 36 मौतों को अभी 19 दिन ही बीते थे कि शनिवार रात 9:30 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कुंभ यात्रियों की भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि 25 लोग घायल हो गए। एलएनजेपी अस्पताल ने मृतकों की पुष्टि की है, जिसमें 10 महिलाएं, 3 बच्चे और 2 पुरुष शामिल हैं।
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उत्तर रेलवे के सीपीआरओ हिमांशु उपाध्याय ने बताया कि स्टेशन पर भारी भीड़ के कारण कुछ यात्री एक-दूसरे को धक्का देने लगे, जिससे भगदड़ मच गई। हालांकि, उन्होंने मृतकों की संख्या की पुष्टि नहीं की। वहीं, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौके पर पहुंच गए और हालात नियंत्रण में होने का दावा किया। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
ये तीन वजहें बनीं हादसे की बड़ी वजह
एक साथ तीन ट्रेनों की भीड़: प्रयागराज स्पेशल ट्रेन, भुवनेश्वर राजधानी और स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस—तीनों ही प्रयागराज जा रही थीं। भुवनेश्वर राजधानी और स्वतंत्रता सेनानी देरी से चल रही थीं। प्लेटफॉर्म 14 पर पहले से मौजूद भारी भीड़ को जब पता चला कि भुवनेश्वर राजधानी प्लेटफॉर्म 16 पर आ रही है, तो भीड़ उधर भागी और भगदड़ मच गई।
टिकट काउंटर पर अफरा-तफरी: स्टेशन पर मौजूद कई यात्री टिकट काउंटर पर खड़े थे, जिनमें से 90% प्रयागराज जाने वाले थे। जैसे ही ट्रेन के आने की घोषणा हुई, लोग बिना टिकट प्लेटफार्म की ओर दौड़ पड़े, जिससे हालात बेकाबू हो गए।
स्टेशन प्रशासन की लापरवाही: दो सप्ताह से कुंभ यात्रियों की भीड़ स्टेशन पर बढ़ रही थी, लेकिन रेलवे प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं किए। शनिवार शाम 7 बजे से भीड़ लगातार बढ़ रही थी, लेकिन इसे संभालने की कोई कोशिश नहीं हुई।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई भगदड़ की भयावहता
प्रयागराज जा रहे प्रमोद चौरसिया ने बताया कि उनके पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस का कन्फर्म टिकट था, फिर भी वे ट्रेन में चढ़ने में असफल रहे। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि लोगों का दम घुटने लगा।
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “घोषणा हुई कि प्लेटफॉर्म 12 पर आने वाली ट्रेन अब 16 पर आएगी, जिससे दोनों ओर से भीड़ उमड़ पड़ी और भगदड़ मच गई।”
धर्मेंद्र सिंह नामक यात्री ने बताया कि उन्होंने पहली बार नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इतनी भारी भीड़ देखी। उन्होंने कहा, “मैंने अपनी आंखों से छह-सात महिलाओं को स्ट्रेचर पर ले जाते हुए देखा। यह भयावह दृश्य था।”
इस दर्दनाक हादसे ने रेलवे प्रशासन की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कुंभ मेले के दौरान स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए, यह बड़ा सवाल है।