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Ranchi– एक तरफ अखिल भारतीय मुसहर विकास संघ की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के शब्दों पर ब्राह्मण समाज ने आपति जताई है. विरोध-प्रर्दशन का दौर जारी है. दूसरी तरह जीतन राम मांझी ने कहा है कि मेरे शब्द ब्राह्मण जाति के खिलाफ नहीं होकर उन पंडितों के खिलाफ है जो दारु-मुर्गा खाकर पूजा करवाने आते हैं, जिन्हे मंत्र भी नहीं आता, शादी विवाह के अवसर पर हनुमान चालीसा पढ़ कर शादी करवाते है.
जीतन राम मांझी ने कहा है कि जिस अपशब्द की बात हो रही है वह तो मैनें अपने समाज के लिए कही है, हम लोग बाबा साहेब अम्बेडकर के मानने वाले लोग हैं, जय भीम कह एक दूसरे का अभिवादन करते हैं. खुद बाबा साहेब बी.आर अम्बेडकर ने कहा था कि हिन्दू धर्म एक निकृष्ट धर्म है, जहां गैर बराबरी है, छुआछूत है. क्या हमारा समाज आज भी इससे निकल पाया है. आज भी जब ब्राह्मण दलितों के घर जाता है, तब दलितों के घर का खाना नहीं खाकर नकद लेता है, यह तो सीधा छुआ-छूत है. जिसकी इजाजत हमारा संविधान नहीं देता. इसके लिए तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. जिससे कि इस तरह के आचरण करने वालों में सुधार आ सके, इसकी पहल तो खुद ब्राह्मण समुदाय को करनी चाहिए थी. लेकिन हो उल्टा रहा है. यही कारण है कि बाबा साहेब अम्बेडकर को हिन्दू धर्म को छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाना पड़ा. मेरी तो लड़ाई तो यह है कि सौ में नब्बे है हम, नब्बे भाग हमारा है.
वहीं दूसरी तरफ जीतन राम मांझी के बयान से उनका पैतृक गांव गया जिला के खिजरसराय प्रखंड का महाकार में दो हिस्सों में बंटा नजर आ रहा है. एक तरफ दलित, पिछड़ा और मुसहर समुदाय के लोग इस बयान को तथाकथित अज्ञानी ब्राह्मणों के खिलाफ दिया गया बयान मान रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर अगड़ी जाति के लोगों ने जीतन राम मांझी के खिलाफ अपशब्दों की बौछार कर दी है. इधर गया के विष्णुपद प्रांगण में ब्राह्मण और पंडा समाज भी आक्रोशित है. ब्राह्मण और पंडा समाज के लोगों ने जीतन राम मांझी का पुतला फूंका है. पंडा समाज और ब्राह्मणों का मानना है कि यह जीतन राम मांझी के राजनीतिक पतन की शुरुआत है.
जीतन राम मांझी को मिला राजद नेता उदय नारायण चौधरी का साथ
इधर जीतन राम मांझी के विवादास्पद शब्द पर राजद नेता उदय नारायण चौधरी ने कहा है कि जीतन राम मांझी को अपने बयान पर स्टैंड लेना चाहिए, अब वे अपने बयानों से पीछे हटने की कोशिश कर रहे हैं. जहां तक मेरा सवाल है, मैं उनके बयान का समर्थन करता हूं. लेकिन जीतन राम मांझी तो अपने बयान पर कायम रहें. उदय नारायण चौधरी ने कहा जब जीतन राम मुख्यमंत्री थें तब भी उतर बिहार में उन्हे मंदिर में प्रवेश पर रोका गया था, यही हाल भारत के राष्ट्रपति के साथ पूरी के मंदिर में हुई थी. राजद नेता उदय नारायण चौधरी ने कहा कि पंडित जी चावल और पैसा से नहीं छुआते हैं. ढोलक में जो चमड़ा लगा है उससे नहीं छुआते है. यह एक गंभीर मामला है. यही मनुवादी लोग आज जातीय गणना का विरोध कर रहे हैं
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