रोहतास: सासाराम से इन दिनों एक अजीबों-गरीब खबर सामने आ रही है. अधिकारियों की मानें तो इन दिनों सदर अस्पताल खुद वेंटिलेटर पर चला गया है. सदर अस्पताल सासाराम नाम के लिए चिकित्सालय है. लेकिन वर्तमान समय में यह खुद बीमार नजर आ रहा है. यहां की चिकित्सकीय व्यवस्था भगवान के भरोसे है, क्योंकि अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में मौजूद होने वाला वेंटिलेटर धूल फांकने को मजबूर है.
सासाराम जिला में आईएएस अधिकारी भी हैं और अस्पताल में कार्यकारी अधीक्षक भी. लेकिन इसके बावजूद अस्पताल की स्थिति भगवान भरोसे है. इस संबंध में जब अस्पताल के कार्यकारी अध्यक्ष डॉक्टर भगवान सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल में वर्तमान में कुल छह वेंटिलेटर हैं. जिसमें से दो आईसीयू में हैं और बाकि चार वेंटिलेटर ट्रामा सेंटर के कमरे में बंद पड़े हैं. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने कुछ निजी अस्पतालों को रोहतास जिला में वेंटिलेटर दिया था. लेकिन बाद में सदर अस्पताल सासाराम को लौटा दिया है. लेकिन वर्तमान समय में संचालक की व्यवस्था नहीं होने के कारण अस्पताल प्रबंधन वेंटिलेटर की सेवा उपलब्ध कराने में असमर्थ है. मामला ये है कि दो साल से ये वेंटिलेटर अस्पताल प्रबंधन के पास उपलब्ध है, लेकिन आवश्यकता महसूस होने के बाद भी मरीजों को वेंटिलेटरों की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती. दो साल बीत जाने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने ऑपरेटर की बहाली को लेकर कोई कार्रवाई की और ना ही इस संबंध में विभाग को पत्राचार करना उचित समझा. जिसके कारण सासाराम और आसपास के मरीजों को निजी अस्पताल का शरण लेना पड़ता है. जहां वे मोटी रकम देने के लिए मजबूर हो जाते हैं.
आपको बताते चलें कि अस्पताल में वेंटिलेटर की जरूरत वैसे मरीजों को पड़ती है, जिन्हें किसी बीमारी के कारण सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में उन मरीजों को प्राणवायु देने का काम वेंटिलेटर के माध्यम से ही संभव हो पाता है.
रिपोर्ट- दयानंद