Ranchi : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Congress) ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा नेशनल हेराल्ड से जुड़ी संपत्तियों की जब्ती और पार्टी की शीर्ष नेताओं-सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं-के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने को लेकर कड़ा विरोध जताया है। कांग्रेस ने इस कदम को “राज्य प्रायोजित अपराध” करार देते हुए इसे लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला बताया है। इसको लेकर कांग्रेस आज देशभर में कड़ा विरोध प्रदर्शन करने वाली है।
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केंद्र सरकार द्वारा विपक्ष को कुचलने के लिए सत्ता का दुरुपयोग है-कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह कार्रवाई किसी कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार द्वारा विपक्ष को कुचलने के लिए सत्ता का दुरुपयोग है। पार्टी ने इसे बदले की राजनीति की संज्ञा देते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के मूलभूत स्तंभों को कमजोर करने का प्रयास है।
कांग्रेस ने कहा, “यह केवल राजनीतिक धमकी नहीं, बल्कि एक भयावह उदाहरण है कि कैसे सत्ता में बैठी सरकार लोकतांत्रिक विरोध की आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है। पार्टी और उसके नेता इससे डरने वाले नहीं हैं। हमने भारत की आत्मा के लिए पहले भी लड़ाई लड़ी है और अब फिर से लड़ने को तैयार हैं।”
Congress : ईडी कार्यालयों और अन्य केंद्र सरकार दफ्तरों के सामने कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
पार्टी ने घोषणा की है कि 16 अप्रैल 2025 को देशभर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य केंद्र सरकार के दफ्तरों के सामने विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। यह प्रदर्शन सभी राज्य इकाइयों (पीसीसी), जिला कांग्रेस समितियों और फ्रंटल संगठनों द्वारा आयोजित किए जाएंगे, जिनमें विधायक, सांसद, वरिष्ठ नेता और पार्टी कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे।
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कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, इन विरोध प्रदर्शनों का उद्देश्य मोदी सरकार की प्रतिशोध की राजनीति का जन-जन के बीच पर्दाफाश करना है। पार्टी का मानना है कि केंद्र सरकार संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है।
लोकतंत्र की रक्षा के लिए अंतिम दम तक लड़ने के संकल्पित है कांग्रेस
कांग्रेस ने दो टूक कहा है कि “सत्यमेव जयते” उनके लिए सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक जीवंत विश्वास है। पार्टी लोकतंत्र की रक्षा, सत्य और न्याय के लिए अंतिम दम तक लड़ने के संकल्प के साथ मैदान में उतरेगी। इन विरोध प्रदर्शनों को कांग्रेस द्वारा 2024 लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद विपक्ष को पुनर्गठित करने और जनसमर्थन फिर से जुटाने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है।
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पार्टी नेतृत्व का कहना है कि “अब चुप रहने का समय नहीं, बल्कि अत्याचार का डटकर सामना करने का समय है।” यह घटनाक्रम भारतीय राजनीति में एक और उबाल का संकेत है, जहां सत्तारूढ़ सरकार और प्रमुख विपक्षी दल के बीच टकराव और गहराता जा रहा है।