कानपुर: कानपुर निवासी सीमेंट कारोबारी शुभम द्विवेदी अपने विवाह के दो महीने बाद पत्नी एशान्या के साथ कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसारन घाटी में घूमने गए थे। हनीमून ट्रिप के दौरान वे दोनों बातों में मशगूल थे कि तभी पहाड़ी में छिपे लगभग 12 से 15 आतंकवादी सामने आ धमके। आतंकियों ने पहले शुभम से पूछा—”मुसलमान हो या हिंदू?” जब उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया तो आतंकियों ने उन्हें कलमा पढ़ने को कहा। शुभम की चुप्पी देख आतंकियों ने बाल पकड़कर उसके सिर में गोली मार दी।
यह दृश्य देखकर एशान्या स्तब्ध रह गईं। वह किसी तरह खुद को संभालते हुए नीचे पहाड़ी पर रुके अपने पिता संजय द्विवेदी को फोन कर रुदन करते हुए बोलीं—”पापा, आतंकियों ने शुभम को गोली मार दी है। जल्दी आओ…।”
घटना के बाद एशान्या को नीचे भेज दिया गया और बाकी परिवार वालों को ऊपर नहीं जाने दिया गया। चारों तरफ भगदड़ मच गई थी। गोलियों की आवाजों से घाटी गूंज उठी थी।
शुभम की हत्या के बाद आतंकियों ने जाते-जाते कहा—”हिंदुस्तान की सरकार को बता देना कि आतंकियों ने यहां गोलियां बरसाई हैं।”
शुभम के पिता संजय द्विवेदी ने रोते हुए फोन पर बताया—”सब कुछ खत्म हो गया… बेटे को कायरता से मारा गया… अब कुछ नहीं बचा कहने को।”
शुभम और एशान्या की शादी 12 फरवरी को हुई थी और 17 अप्रैल को पूरा परिवार श्रीनगर रवाना हुआ था। शुभम की मौत की खबर सुनकर पूरे परिवार में कोहराम मच गया है।