पलामू : नावाबाजार के पूर्व थाना प्रभारी लालजी यादव की आत्महत्या मामले ने तूल पकड़ लिया है. 11 जनवरी से ही लोग थाना प्रभारी को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं. अलग-अलग दलों के राजनीतिक लोग भी जांच की मांग कर रहे हैं. इसी क्रम में पलामू में पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दारोगा लालजी यादव के आत्महत्या पर कई सवाल उठाए और उच्च स्तरीय जांच की मांग की. वहीं लालजी यादव के परिजनों ने भी पलामू एसपी, डीटीओ समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ डीआईजी को आवेदन दिया है.
पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी ने कहा कि लालजी यादव के आत्महत्या मामले की जांच एडीजी रैंक के अधिकारी करे. इस मामले पर हमने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी पत्र लिखा है और जल्द ही सीएम से मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा कि हमें सोचने पर मजबूर कर रहा है कि एक यंग ऑफिसर कैसे आत्महत्या कर सकता है. इसे आत्महत्या नहीं हत्या कह सकते हैं. उसे किस आधार पर सस्पेंड किया गया. अब इस मामले की जांच होनी चाहिए.
लालजी यादव की आत्महत्या पुलिस सिस्टम में सुनयोजित भ्रष्टाचार का उदाहरण
सीएम हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में केएन त्रिपाठी ने कहा कि निलंबित थाना प्रभारी लालजी यादव की आत्महत्या पुलिस सिस्टम में सुनयोजित भ्रष्टाचार का उदाहरण है. कोई ऐसी बात जरूर होगी जिसमें लालजी यादव को अपना निलंबन न्यायोचित नहीं लगकर बिना गलती की सजा मिल गई, ऐसा उन्हें महसूस हुआ होगा. यही अन्याय लालजी यादव के दिल और दिमाग को झकझोर कर आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया. केएन त्रिपाठी ने कहा कि साहिबगंज में रूपा तिर्की एवं पलामू में लालजी यादव के द्वारा आत्महत्या कर जान दे देना, इस तरह की घटना पुलिस बल के मनोबल को तोड़ने वाली है. उन्होंने कहा कि लालजी यादव को न्याय दिलाने के लिए एडीजी रैंक के पुलिस अधिकारी से जांच कराई जाए ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो.
उच्च स्तरीय अधिकारी से जांच कराने की मांग
इससे पहले पलामू के पूर्व विधायक और समाजवादी पार्टी के नेता ने भी आत्महत्या पर सवाल उठाया. उन्होंने भी मामले की जांच उच्च स्तरीय अधिकारी से कराने की बात मांग की. वहीं दारोगा लालजी यादव की आत्महत्या से नाखुश स्थानीय लोगों ने पलामू एसपी के खिलाफ नारेबाजी की. लोगों के भारी विरोध को देखते हुए कई थानों की पुलिस को बुलाया गया. इधर दारोगा के सुसाइड को परिजन भी एक बड़ी साजिश बताया है. परिजनों ने पलामू एसपी, डीटीओ समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ डीआईजी को आवेदन दिया है. इस आवेदन में अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी लिखा है जिसमें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है.
निलंबन के चार दिन बाद दारोगा ने की आत्महत्या
पलामू जिले के नावाबाजार थाने के दारोगा लालजी यादव ने अपने सस्पेंशन के चार दिन बाद सोमवार की रात थाना परिसर में आत्महत्या कर ली. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस उपमहानिरीक्षक राजकुमार लकड़ा व एसपी चंदन सिन्हा थाने में पहुंचे और कारणों की जांच शुरू की. इधर, आस-पास के लोग थाने के बाहर जमा हो गए और सस्पेंशन ऑर्डर जारी करने वाले एसपी सिन्हा के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. लोगों ने घंटों सड़क जाम रखा. कमरे से सुसाइड नोट भी नहीं मिला है. मूल रूप से साहिबगंज के रहनेवाले लालजी अपने पीछे पत्नी पूजा, दो छोटे बच्चे समेत भरा-पूरा छोड़ गए हैं.
क्यों हुआ था सस्पेंशन
5 जनवरी की रात पलामू के परिवहन पदाधिकारी अनवर हुसैन ने एसपी सिन्हा से शिकायत की थी कि जब्त वाहनों को नावाबाजार के थाना प्रभारी लालजी यादव नहीं ले रहे हैं. एसपी ने दारोगा लालजी को सहयोग का निर्देश दिया. फिर भी उन्होंने ऐसा नहीं किया. इसके बाद एसपी ने छह जनवरी को दारोगा लालजी को सस्पेंड कर दिया.
रिपोर्ट: संजीत
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