Saturday, August 2, 2025

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जून तक राज्य की ग्रामीण सड़कों से खत्म होंगे गड्ढे, इतने किलोमीटर की सड़कों का होगा कायाकल्प

राज्य की सड़कों से खत्म होंगे गड्ढे: 24 हजार किलोमीटर ग्रामीण पथ होंगे सुदृढ़, 21,652 करोड़ रुपये की परियोजना मंजूर। 38 जिलों की 13,943 ग्रामीण सड़कों का होगा सुदृढ़ीकरण। राज्य की 24,414 किलोमीटर से अधिक सड़कें होंगी गड्ढ़ा मुक्‍त। 21,652 करोड़ की ऐतिहासिक योजना को मिली स्वीकृति। ‘पॉटलेस बिहार’ का लक्ष्य, जून 2025 तक हर सड़क होगी गड्ढामुक्त। अनुरक्षण अवधि से बाहर हो चुकी सड़कों को चरणबद्ध ढंग से बेहतर किया जाएगा। सड़क नहीं, विकास की धड़कन है यह योजना: दीपक कुमार सिंह

पटना: बिहार सरकार ने ग्रामीण सड़कों की मजबूती के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम के तहत राज्यभर में 24,414 किलोमीटर लंबी 13,943 सड़कों का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। यह काम राज्य के सभी 38 जिलों में किया जाएगा। इसके साथ ही 51 पुलों की मजबूती भी प्रस्तावित है। इस पूरी योजना पर अनुमानित 21,652 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना का ही विस्तारित स्वरूप है, जिसे मंत्रीमंडल ने 14 नवंबर 2024 को स्वीकृति प्रदान की थी।

पॉटलेस रोड का लक्ष्य जून 2025 तक

इन सड़कों का चयन ऐसे मार्गों के रूप में किया गया है जो 31 मार्च 2024 तक पंचवर्षीय अनुरक्षण अवधि से बाहर हो चुके हैं। इन्हें जून 2025 तक ‘पॉटलेस’ (गड्ढामुक्त) बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके उपरांत वित्तीय वर्ष 2025-26 में इन सड़कों की सतह को पूर्ण रूप से सुदृढ़ किया जाएगा, जिससे इनकी स्थायित्व और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा।

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तकनीकी मजबूती और मरम्मत के लिए विशेष व्यवस्था

कार्यक्रम के अंतर्गत सभी सड़कों पर सात वर्षों के दौरान दो बार कालीकरण (ब्लैकटॉपिंग) किया जाएगा। पहला कालीकरण कार्य शुरू होने के चार वर्ष बाद दोबारा किया जाएगा, जिससे सड़कों की राइडिंग क्वालिटी बनी रहे। इसके साथ ही, संवेदकों को ‘रूरल रोड रिपेयर व्हीकल’ उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है, जिससे तकनीकी खराबी की स्थिति में तत्काल मरम्मत संभव हो सके।

प्रमुख प्रमंडलों में कितनी सड़कें होंगी सुदृढ़, प्रमंडलवार आंकड़े इस प्रकार हैं।

पटना प्रमंडल

  • पटना: 553 पथ (792.93 किमी)
  • नालंदा: 434 पथ (667.32 किमी)
  • भोजपुर: 341 पथ (691.75 किमी)
  • बक्सर: 294 पथ (595.59 किमी)
  • रोहतास: 366 पथ (933.82 किमी)
  • कैमूर: 194 पथ

तिरहुत प्रमंडल

  • मुजफ्फरपुर: 742 पथ (1243 किमी)
  • पूर्वी चंपारण: 656 पथ (957 किमी)
  • पश्चिमी चंपारण: 335 पथ (557 किमी)
  • वैशाली, सीतामढ़ी, शिवहर: कुल 839 पथ (1194 किमी)

अन्य प्रमुख प्रमंडल

  • सारण: 1313 पथ (2,173 किमी)
  • पूर्णिया: 1,260 पथ (2,424 किमी)
  • भागलपुर: 732 पथ (1,294 किमी)
  • मगध: 2,068 पथ (4,227 किमी)
  • दरभंगा: 2,173 पथ (3,641 किमी)
  • कोसी: 670 पथ (1,210 किमी)
  • मुंगेर: 973 पथ (1,674 किमी)

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‘ग्रामीण बिहार की नई रफ्तार’

ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम से ग्रामीण कनेक्टिविटी सशक्त होगी। इससे न केवल आम लोगों की आवाजाही आसान होगी, बल्कि कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक भी पहुंच सरल हो सकेगी। यह परियोजना सिर्फ सड़कों के निर्माण का काम नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण विकास, सामाजिक समावेश और आर्थिक प्रगति की मजबूत आधारशिला है। आने वाले वर्षों में यह पहल ग्रामीण जीवन में बड़ा परिवर्तन लाएगी।

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