रांची: राज्य सरकार की बहुचर्चित मैया सम्मान योजना की मई और जून महीने की किस्त को लेकर लाभुकों के बीच चिंता का माहौल बना हुआ है। जहां एक ओर अप्रैल की ₹2500 की राशि लाभुकों के खाते में आ चुकी है, वहीं मई और जून की किश्त अब तक लंबित है। सरकार ने पूरी राशि विभाग को जारी कर दी है, लेकिन योजना की क्रियान्वयन प्रक्रिया में एक अहम पद खाली होने से पैसे अटक गए हैं।
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सामाजिक सुरक्षा निदेशालय में निदेशक का पद रिक्त है। पूर्व निदेशक समीरा एस का हाल ही में पलामू डीसी के रूप में तबादला हुआ, जिसके बाद यह पद खाली हो गया है। चूंकि योजना की राशि वितरण की अंतिम प्रक्रिया इसी पद के माध्यम से होती है, इसलिए यह प्रक्रिया फिलहाल थमी हुई है।
सरकार ने विभागीय कोषांगों को ₹969 करोड़ की राशि ट्रांसफर कर दी है, लेकिन बिना निदेशक के उस राशि को लाभुकों के खाते में भेजा नहीं जा सका है। जब तक इस पद पर नई नियुक्ति नहीं होती, योजना की अगली किश्त जारी नहीं हो पाएगी। यद्यपि विभाग की तरफ से कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं दी गई है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि मई और जून की दोनों किश्तें एक साथ ₹5000 के रूप में लाभुकों को दी जा सकती हैं।
इधर, रांची डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने योजना से महिलाओं को स्वरोजगार की ओर प्रेरित करने के लिए मैया स्वावलंबन पहल की शुरुआत की है। इस पहल के तहत महिलाओं को बत्तख, मुर्गी, चूजे, और दुग्ध उत्पादन जैसे आजीविका साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि वे स्वयं को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकें। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी बार-बार यह अपील कर चुके हैं कि महिलाएं योजना से मिली राशि को सिर्फ खर्च न करें बल्कि उसे छोटे व्यापार और आजीविका के साधनों में लगाकर आत्मनिर्भर बनें।
सरकार ने भरोसा दिया है कि राशि लाभुकों तक अवश्य पहुंचेगी, लेकिन कब? इसका जवाब फिलहाल विभागीय नियुक्ति पर निर्भर है।
