साहिबगंज: वीर शहीद सिद्धू-कानू की धरती पर इस वर्ष हूल दिवस समारोह के मौके पर हालात असामान्य हो गए। शहीद के छठे वंशज मंडल मुर्मू ने लगभग 2000 आदिवासी समर्थकों के साथ भोगनाडीह स्थित शहीद स्थल एवं सरकारी कार्यक्रम स्थल पर विरोध प्रदर्शन किया। मंडल मुर्मू व उनके समर्थकों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने शहीद वंशजों को कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दी, जिससे समुदाय में भारी आक्रोश उत्पन्न हुआ।
प्रदर्शन के दौरान आदिवासी पारंपरिक तीर-धनुष, कुल्हाड़ी और अन्य हथियारों के साथ पहुंचे। देखते ही देखते स्थिति तनावपूर्ण हो गई और प्रशासन व प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए प्रशासन को लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग करना पड़ा।
सूत्रों के अनुसार, शहीद वंशजों द्वारा पहले ही प्रशासन से कार्यक्रम स्थल पर हूल दिवस का आयोजन करने की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन अनुमति नहीं मिलने से असंतोष पनप गया, जो विरोध प्रदर्शन में तब्दील हो गया।
इस घटनाक्रम ने झारखंड की सियासत को भी गर्मा दिया है, जहां आदिवासी अस्मिता और ऐतिहासिक स्थलों पर अधिकार को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है।