भागलपुर: पूर्वांचल को सीमांचल से जोड़ने वाली पूर्वी बिहार की लाइफ लाइन विक्रमशिला सेतु पर खतरा मंडरा रहा है। भागलपुर से नवगछिया के बीच गंगा नदी पर बने इस लंबे सेतु के एक्सपेंशन जॉइंट में गैप बढ़ता जा रहा है। कई पोल के समीप जॉइंट में 4 से 5 इंच स्पेस बढ़ गया है जो कि पुल के लिए खतरे की घंटी है। विक्रमशिला सेतु पर हर दिन 25 से 30 हजार वाहन गुजरते हैं, लेकिन 2016 के बाद से ही इस पुल का मरम्मतीकरण नहीं हुआ है।
भागलपुर के एनएच विभाग के अभियंता ने 6 -7 बार चिट्ठी लिखी, डीएम ने भी पुल की स्थिति को वरीय अधिकारियों से अवगत कराया, लेकिन इसपर ध्यान नहीं दिया गया। कुछ दिनो पहले भी एनएच के चीफ इंजीनियर ने राज्य पुल निर्माण निगम के निदेशक को पत्र लिख आग्रह किया था विक्रमशिला सेतु की विशेषज्ञों से जाँच कराई जाए साथ ही विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाए ताकि समय पर दुरुस्तीकरण किया जा सके लेकिन इसका जवाब नहीं आया।
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पूर्वी बिहार का विक्रमशिला पुल –
बता दें कि सेतु के खम्भा संख्या 89, 128, 148, 141, 125, 121, 113, के बीच कुल 13 एक्सपेंशन जॉइंट में गैप बढ़ा है जिसकी जाँच कराने की जरूरत है। साथ ही उसे दुरुस्त करने की दरकार है ताकि कोई बड़ा हादसा न हो। इन हिस्सों से जब भारी वाहन गुजरता है तो बहुत अधिक कंपन होता है।
हालांकि इस पुल पर दबाव कम करने के लिए हर जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए विक्रमशिला सेतु से सटे समानांतर पुल का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन विक्रमशिला सेतु के सड़क जर्जर होने की वजह से आए दिन वाहन दुर्घटना का शिकार होती है और लोग जान गवाते हैं। ऐसे में एक्सपेंशन जॉइंट के बीच बढ़ रहे गैप को नजरअंदाज करने की लापरवाही भारी पड़ सकती है। जिलाधिकारी डॉक्टर नवल किशोर चौधरी ने कहा कि सेतु के जाँच के लिए विभाग को सूचित किया गया है। टेक्निकल टीम जाँच करेगी उसके बाद इसके दुरुस्तीकरण को लेकर काम होगा।
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भागलपुर से राजीव ठाकुर की रिपोर्ट
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