रांची: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य सरकार और पुलिस-प्रशासन अभी से सतर्क हो गया है। चूंकि बिहार में शराबबंदी लागू है और पड़ोसी राज्य झारखंड में शराब की बिक्री पर कोई रोक नहीं है, ऐसे में सीमावर्ती इलाकों में शराब की तस्करी की संभावनाओं को पूरी तरह से रोकना बड़ी चुनौती बन चुकी है।
इसी को ध्यान में रखते हुए बिहार पुलिस मुख्यालय और मद्य निषेध विभाग ने झारखंड के उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग को पत्र लिखकर सहयोग मांगा है। पत्र में साफ तौर पर झारखंड सीमा से सटे क्षेत्रों में शराब तस्करी पर रोक लगाने और झारखंड में स्थित शराब उत्पादन एवं बिक्री से जुड़ी सभी इकाइयों की जानकारी साझा करने का अनुरोध किया गया है।
बिहार ने झारखंड से मांगी ये जानकारी:
बिहार सरकार द्वारा झारखंड से मांगी गई जानकारी में निम्नलिखित शामिल हैं:
झारखंड-बिहार सीमा से 100 किलोमीटर की दूरी तक की शराब दुकानों की सूची
देशी, मसालेदार एवं विदेशी शराब की खुदरा दुकानों की जानकारी
शराब की बॉटलिंग यूनिट्स, उत्पादन ईकाइयों और स्प्रिट निर्माण स्थलों की जानकारी
प्रत्येक दुकान/यूनिट के मालिक का नाम, पता, पैन नंबर और बैंक खाता विवरण
झारखंड में भी शुरू हुई निगरानी की प्रक्रिया
इस पत्र के बाद झारखंड के उत्पाद आयुक्त और अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे जल्द से जल्द उक्त जानकारी एकत्र कर बिहार को उपलब्ध कराएं। साथ ही झारखंड सरकार ने भी यह सुनिश्चित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है कि शराब की आपूर्ति किन-किन मार्गों से की जा रही है। अगर जरूरत पड़ी, तो इन आपूर्ति मार्गों की जानकारी बिहार पुलिस के नोडल पदाधिकारी को भी सौंपी जाएगी।
सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ाई जा रही सघन जांच
बिहार पुलिस ने झारखंड की सीमा से लगे जिलों में वाहनों की सघन जांच शुरू कर दी है। खासकर उन वाहनों पर नजर रखी जा रही है जो दूसरे राज्यों से बिहार में प्रवेश कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और शराब मुक्त वातावरण में संपन्न कराने के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं।
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