हजारीबाग: JPSC के ताजा घोषित परिणाम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कठिन परिश्रम, धैर्य और आत्मविश्वास के बल पर कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। बरकट्ठा प्रखंड के तुर्कबाद गांव के रहने वाले राजेश रजक ने JPSC परीक्षा 2023 में 271वीं रैंक प्राप्त कर राज्य की जेल सेवा में चयनित होकर पूरे क्षेत्र का नाम रौशन किया है।
राजेश की यह सफलता यूं ही नहीं आई। गरीबी, संघर्ष और सामाजिक दबावों के बीच उन्होंने जो सफर तय किया है, वह हर युवा के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनके पिता स्वर्गीय राजू रजक का कई साल पहले ही देहांत हो गया था। मां सरकारी विद्यालय में रसोइया का कार्य करती हैं। घर की आर्थिक स्थिति बेहद कठिन थी, लेकिन मां ने कभी हौसला नहीं टूटने दिया।
राजेश ने प्रारंभिक शिक्षा तुर्कबाद के मिडिल स्कूल से प्राप्त की और फिर गैड़ा हाई स्कूल से दसवीं पास की। हजारीबाग कॉलेज से इंग्लिश ऑनर्स में स्नातक करते हुए उन्होंने एक निजी स्कूल में शिक्षक की नौकरी की, ताकि पढ़ाई का खर्च निकाल सकें। इसी दौरान लॉकडाउन के कारण परिस्थितियां और बिगड़ गईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और रांची में डिलीवरी बॉय के रूप में 8-9 महीने काम किया।
इस बीच जब JPSC की वैकेंसी आई तो राजेश ने फिर से पढ़ाई शुरू की। पहले प्रयास में मेंस परीक्षा से चूक गए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरी बार में 271वीं रैंक के साथ सफल हुए।
राजेश की मां, जो गांव में बच्चों को भोजन बनाकर खिलाती हैं, आज गर्व से भरी हुई हैं। उन्होंने कहा, “हमने जो हिम्मत दी, उसी से बेटा आगे बढ़ा। सभी माता-पिता को अपने बच्चों का हौसला बढ़ाना चाहिए।”
गांव के मुखिया, स्थानीय शिक्षकों और बुजुर्गों ने राजेश की सफलता को गांव के लिए गौरव का क्षण बताया। एक ग्रामीण ने कहा, “बरकट्ठा का यह बेटा अब अफसर बनकर हमारे क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेगा। हम सबको उस पर गर्व है।”
JPSC में इस बार बरकट्ठा के दो युवा सफल हुए हैं, जिससे क्षेत्र में उत्साह का माहौल है। राजेश की सफलता बताती है कि चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो, यदि इरादे मजबूत हों तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।