Desk. विदेश मंत्रालय द्वारा राज्यसभा में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में 206378 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी है। यह आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले थोड़ा कम है, लेकिन अब भी यह दर्शाता है कि हर साल लाखों भारतीय विदेशी सिटीजनशिप अपनाने के लिए भारतीय नागरिकता का त्याग कर रहे हैं।
राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में यह डेटा साझा किया है। मंत्रालय से यह भी पूछा गया कि क्या भारतीय नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या में कोई स्थिर वृद्धि देखी जा रही है, लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया कि 2019 के बाद से इसमें कोई रैखिक यानी लगातार बढ़ती हुई प्रवृत्ति नहीं देखी गई है।
पिछले वर्षों में सिटीजनशिप छोड़ने के आंकड़े
2024 में 206378, 2023 में 216219, 2022 में 225620, 2021 में 163370, 2020 में 85256 और 2019 में 144017 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी। इन आंकड़ों से साफ है कि 2020 को छोड़कर, हर साल एक बड़ी संख्या में भारतीय अपनी सिटीजनशिप त्याग रहे हैं। 2022 में यह संख्या सबसे अधिक थी, जबकि 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान यह सबसे कम रही।
भारतीय नागरिकता छोड़ने की प्रक्रिया क्या है?
सरकार द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, भारतीय नागरिकता छोड़ने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है। इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट indiancitizenshiponline.nic.in है। इस पर ऑनलाइन फॉर्म भरना और जरूरी दस्तावेज अपलोड करना होगा। इसके बाद मूल पासपोर्ट और अन्य विवरणों का सत्यापन किया जाता है। यह जानकारी संबंधित सरकारी विभागों को भेजी जाती है, जो 30 दिनों के भीतर प्रतिक्रिया देते हैं। यदि सभी विवरण सही पाए जाते हैं, तो सिटीजनशिप त्याग प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी कर दिया जाता है।
हालांकि, 2024 में नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या 2022 और 2023 से कम रही है, लेकिन यह अब भी इस बात का संकेत है कि विदेशों में अवसरों की तलाश में भारतीय नागरिकता छोड़ने का चलन जारी है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से सत्यापन और निगरानी के बाद ही पूरी की जाती है, जिससे फर्जीवाड़े की संभावना न्यूनतम रहे।
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