रांची: झारखंड की राजनीति में उस समय हलचल मच गई जब गढ़वा से विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने जल जीवन मिशन में ₹5200 करोड़ के घोटाले का आरोप पूर्व मंत्री पर लगाते हुए सदन में कई गंभीर मुद्दों को उठाने की बात कही। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मौजूदा सरकार लोगों को उलझाने और मूल मुद्दों से भटकाने का काम कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार विकास के कार्यों की बजाय नाम बदलने और प्रतीकात्मक राजनीति में जुटी है। अटल क्लीनिक का नाम बदलकर ‘मदर ट्रेन’ रख दिया गया है, जबकि मदर टेरेसा जैसे सामाजिक व्यक्तित्व का नाम हटाया जाना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है।
तिवारी ने कहा कि गढ़वा में आदिवासी समुदाय को जबरन धर्मांतरण के लिए बाध्य किया जा रहा है, और मना करने पर उनके साथ मारपीट की गई है। यह मामला वे 4 अगस्त को विधानसभा में उठाने जा रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने ट्रांसफर-पोस्टिंग में गहरी गड़बड़ी की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि अधिक बोली लगाने वालों को मनचाही जगह पोस्टिंग मिल रही है। ये बोलीबाज़ी का खेल भाजपा के शासन में नहीं, बल्कि मौजूदा सरकार में हो रहा है।
तिवारी ने गढ़वा के एक प्रखंड में एक अरब रुपये का चावल बेचने के मामले का भी जिक्र किया और कहा कि मामले के सामने आने के बाद संबंधित डीसी का सिर्फ तबादला कर दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि हटिया डैम के गेट खुल नहीं रहे हैं क्योंकि रातभर मंत्री ट्रांसफर बेचने में व्यस्त रहते हैं। उन्होंने कहा कि जब गढ़वा में सिर्फ एक गेटवे पर ही 98 लाख रुपये का खर्च कर दिया गया है, तो यह मामूली बात नहीं है। उन्होंने दावा किया कि जल जीवन मिशन में पूरे राज्य में ₹5200 करोड़ का घोटाला हुआ है, जिसमें से सिर्फ गढ़वा में ही ₹200 करोड़ की अनियमितता उजागर हुई है।
उन्होंने आम जनता, मीडिया और विपक्षी नेताओं को गढ़वा आने का निमंत्रण देते हुए कहा कि “आइए, गढ़वा आइए और खुद देखिए कैसे जनता को लूटा जा रहा है।”