रांची: श्रेष्ठ रिपोर्ट – झारखंड में दवा नियंत्रण व्यवस्था को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट ने चिंताजनक तस्वीर पेश की है। मंत्रालय द्वारा 12 अगस्त 2025 को ऑनलाइन लॉन्च किए गए राज्य स्वास्थ्य नियामक उत्कृष्टता सूचकांक (श्रेष्ठ) के मुताबिक, नकली और घटिया गुणवत्ता वाली दवाओं की बिक्री के मामलों में झारखंड देशभर में पहले स्थान पर है। वहीं, दवाओं की जांच और नियंत्रण के मामले में झारखंड 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में 29वें पायदान पर है।
यह रैंकिंग देश में दवा नियामक व्यवस्था को अधिक मजबूत और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से पहली बार लागू की गई है, जिसमें राज्यों की दवा नियंत्रण प्रणाली का मूल्यांकन किया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य औषधि नियंत्रण विभाग का नेतृत्व करीब एक दशक से राज्य औषधि नियंत्रक रितु सहाय कर रही हैं।
श्रेष्ठ रिपोर्ट : झारखंड नकली और घटिया दवा बिक्री में देश में नंबर-1-
श्रेष्ठ सूचकांक का मुख्य उद्देश्य मानव संसाधन, बुनियादी ढांचे, डिजिटलीकरण, निगरानी और औषधि विनियमन में जवाबदेही सुधारने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि झारखंड की रैंकिंग सुधारने के लिए सबसे बड़ी चुनौती है—दवा निरीक्षण की सुदृढ़ प्रणाली का अभाव, मैनपावर की कमी और राज्य में दवा जांच प्रयोगशाला (लैब) का न होना। राज्य स्तर पर इस स्थिति में सुधार, राज्य औषधि नियंत्रक कार्यालय और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त कार्रवाई पर निर्भर करेगा।
स्वास्थ्य सचिव अजय कुमार सिंह की नीतिगत और प्रशासनिक पहल की सराहना की गई है, लेकिन यह देखना होगा कि वर्षों से निष्क्रिय पड़े ड्रग विभाग इस दिशा में कितनी सक्रियता दिखाते हैं।
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